शिवपुरी। 74 साल हो गए हैं देश की आजादी को। गांधी जी ने सपना देखा था कि उनके आजाद भारत देश गांवों में ही बसता है लेकिन आजादी के 74 साल बाद भी कई गांव ऐसे हैं जहां लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। ऐसा ही एक गांव हैं सेमरी जिसकी ग्राम पंचायत गूगरीपुरा है।
यहां आवागमन में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पडता है क्योंकि रास्ता इतना बदहाल है कि रास्ते में कीचड जमा है और दल दल जैसा यह रास्ता लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। लोगों का कहना है कि इस रास्ते पर पैदल तो छोडिए बाइक और ट्रेक्टर तक नहीं जा सकेंगे। ऐसे में यदि कोई बीमार हो जाएं तो गांव वालों के पसीने छूट जाते हैं।
बीमार होने पर खटिया या फिर ट्रेक्टर
ग्रामीण हक्केराम, किशनलाल व राधेलाल का कहना है कि यदि गांव में रात के समय कोई बीमार हो जाता है तो उनके हाथ पांव फूल जाते हैं एक तो रास्ता बदहाल है तो दूसरी और उस पर जब पैदल ही नहीं चल पाते हैं तो ऐसे में बीमार आदमी को या तो खटिया पर या फिर ट्रेक्टर ट्रोली में ही रखकर अस्पताल लाते हैं।
पंचायत से लेकर जिले तक शिकायत
ग्रामीणों का कहना है कि इस बदहाल रास्ते को लेकर उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत, जनपद पंचायत से लेकर विधायक और सांसद तक के यहां गुहार लगा डाली लेकिन उनके इस बदहाल रास्ते को सुधरवाने का जिम्मा किसी ने नहीं उठाया है जिसके चलते वह नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।