कोरोना काल में यमराज का काम कर रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर, जिंदा मानव पर कर रहे हैं प्रयोग - Badarwas News

Bhopal Samachar
लुकवासा। कोरोना महामारी के चलते जहां बडे बडे डॉक्टर मरीजों को हाथ लगाने से डर रहे हैं तो वहीं झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें इन दिनों सजधजकर तैयार हो गई है। बिना किसी बडी डिग्री के यह झोलाछाप मरीजों की जान से खिलवाड कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना को 1 साल पूरा होने को है सरकार ने तमाम कदम उठाए हैं इस महामारी से लड़ने के लिए मगर जितने भी प्रयास हैं सब लुकवासा में आकर धराशाई होते नजर आते हैं 10 हजार की आबादी वाली बस्ती में करीब 30 दुकानें झोलाछाप डॉक्टरों की हैं। कोरोना काल में यह डॉक्टर ऐसे मरीजो का ईलाज कर रहे हैं,जिन्है बुखार हैं ओर सर्दी जुखाम के लक्ष्ण हैं।

मरीज के शरीर बन रहे प्रयोगशाला

धड़ल्ले से अंग्रेजी दवाइयों का प्रयोग मरीज की शरीर को प्रयोगशाला समझकर किया जाता है कहने का तात्पर्य है कि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के फरमाइश पर डॉक्टर दवाई लेकर मरीज को थमा तो देते हैं मगर यह पता नहीं होता कि यह दवा कितना असर करेगी क्या असर करें अच्छा हुआ तो ठीक नहीं तो दूसरी दवा लिख दी जाती है मतलब साफ है कि अपनी जेब गर्म करने के लिए मरीज के शरीर को प्रयोगशाला बनाया जा रहा है तथा इंसान के शरीर को मैं मौजूद प्रतिरोधक क्षमता को धीरे धीरे नष्ट करने का बहुत बड़ा षड्यंत्र लुकवासा में दिखाई देता है।

ड्रग इंस्पेक्टर की मेहरबानी से हो रहा दवा दुकानों का संचालन

यहां पर बात करें मेडिकल स्टोर के बारे में तो एक भी दुकान ऐसी नहीं है जहां पर फार्मासिस्ट की डिग्री हो बिना किसी डिग्री के ही दवा बेची जा रही है। सभी मेडिकल स्टोर ड्रग इंस्पेक्टर की मेहरबानी से मरीजों को जहर परोसने का काम कर रही हैं तथा प्रशासन अपनी आंख बंद किए गहरी नींद में सो रहा है।

स्वासथ्य महकमें की आंखे बंद

ऐसा नहीं है कि इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के कर्ताधर्ताओं को नहीं हो। चौंकाने वाली बात की है कि लुकवासा के शासकीय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक की पोस्टिंग मात्र इसलिए नहीं की जाती क्योंकि विशेषज्ञ चिकित्सक के आने से झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान है कम चलने लगती हैं इसका सीधा सीधा असर ड्रग इंस्पेक्टर तथा स्वास्थ्य आला अधिकारियों की कमाई पर पड़ता है जिस कारण से मरीजों के साथ जान के खिलवाड़ में सभी जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।
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