शिवपुरी। मिनी शिमला कहीं जाने वाली शिवपुरी को सिंधिया राजवंश ने अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई थी लेकिन अब ग्रीष्मकालीन राजधानी पानी के लिए तरस रही है क्योंकि जिन तालाबों का निर्माण स्टेट काल में किया गया था आज उन पर कंक्रीट के जंगल तन गए है। या बडे बडे भूमाफियाओं ने उन्हें अपने कब्जे में कर कालोनियां बसा दी है।
ऐसे में कभी चारो ओर से तालाबों से घिरे शहर में कभी पानी की कमी नहीं होती थी लेकिन आज यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे क्योंकि यहां जलस्तर 1 हजार फीट पर पहुंच गया है।
18 से अधिक तालाब हुआ करते शहर के आसपास
स्टेटकाल में शहर के आसपास करीब 18 तालाब हुआ करते थे और इन तालाबों को इस तरह से बनाया गया था कि इनमें बारिश का पानी स्टोर हो और जब यह पूरी तरह से लबालब भर जाएं तो इनका पानी सांख्यसागर झील में पहुंच जाए।
आधा दर्जन तालाब ही अस्तित्व में
18 में से आधा दर्जन तालाब ही आज अस्तित्व में बचे हुए हैं। इन पर लोगों ने कब्जा कर इनका आकार छोटा कर दिया है। जबकि कई तालाबों में तो कालोनियां और मैरिज हॉल तक तन गए हैं।
जलस्तर भी उतरा
तालाबों के लबालब रहने से पहले शहर का जलस्तर अच्छा था लेकिन अब यह जलस्तर नीचे लगातार गिरता जा रहा है और अब 900 से 1 हजार फीट तक नलकूप खोदने पर ही पानी मिलता है।