शिवपुरी। शहर की ढाई लाख आबादी के सूखे कंठों को तर करने के लिए 114 करोड से अधिक की राशि से मडीखेडा जलार्वधन योजना तैयार की गई लेकिन यह योजना भी शिवपुरी के प्यासे लोगों के कंठों को तर नहीं कर सकी है। इसका कारण इसकी घटिया मुख्य लाइन जो बार बार फूटती है और उसमें टाट के पेबंद लगाए जाते हैं।
मार्च की शुरूआत से ही शहर के कई इलाकों में जलसंकट गहरा गया है और अब यह जलसंकट खूनी संघर्ष का रूप लेता जा रहा है। कर्मचारियों की मारपीट तो छोडिए पानी को लेकर कालोनियों और बस्तियों में भी झगडे होना शुरू हो गए है। कुछ साल पहले पानी के इसी झगडे के चलते एक की मौत तक हो चुकी है।
500 में से 300 नलकूपों का गिरा जलस्तर
शहर में नपा के द्वारा 500 नलकूपों का खनन कराया गया है जिससे कई कालोनियों में जल सप्लाई किया जाता है लेकिन इस बार बारिश कम होने से नलकूपों ने साथ छोड दिया है। नलकूप ने पानी देना बंद कर दिया है तो कुछ रूक रूककर पानी की सप्लाई कर रहे हैं।
खुले नलकूपों पर देखी जा सकती है बर्तनों की कतार
कई इलाकों में नलकूपों को मुंह को खोल दिया गया है और यहां डायरेक्ट पानी की सप्लाई दी जा रही है। जिससे नलकूपों पर बर्तनों की कतार देखने को मिल रही है। शहर के मनियर इलाके में यह नजारा अब आम हो गया है।
दो कटटी पानी के लिए कर रहे रतजगा
शहर में पानी के संकट इतने विकराल हो गए हैं कि लोग दो कटटी पानी के लिए रतजगा करने को मजबूर है। खासकर उन इलाकों में जहां पानी की गंभीर समस्या है।
पढाई छोड पानी की जददोजेहद में मासूम
मार्च में बच्चों की परीक्षाएं हैं लेकिन देखने में आ रहा है कि कई मासूम कॉपी किताब छोड अपने मां बाप के साथ पानी भरने के लिए उनके साथ जाते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि 114 करोड की योजना को किस तरह से पलीता लगाया गया और जनता के कंठ सूखे के सूखे रह गए।
कब कहां हुए पानी को लेकर झगडे
पेयजल संकट ले चुका हैं जान
शहर के चीलोद इलाके में पानी के झगडे के चलते दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ और उसके बाद वहां लाठियां और पत्थर चले जिसमें एक युवक की शिवपुरी में इलाज के दौरान मौत हो गई थी जबकि कुछ लोग घायल हो गए थे।
जमकर चल चुके हैं लात घूसे
फिजीकल इलाके में बीते साल पानी को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ और यहां जमकर लात घूसों से एक युवक की मारपीट कर दी गई जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ग्रामीण क्षेत्रो में होता हैं विवाद
ग्रामीण क्षेत्र भी जल संकट से अछूते नहीं हैं। यहां भी गर्मियों के दिनों में पानी भरने को लेकर हैंडपंपों पर विवाद होता है। जिसकी कई बार शिकायत थाने तक पहुंचती है।
पंप अटेंडरो के साथ भी होती हैं मारपीट
कालोनियों में भी नलकूपों से पानी की सप्लाई होती है लेकिन नलकूप भी साथ छोड रहे हैं ऐसे में सप्लाई को लेकर पंप अंटेंडरों के साथ आए दिन विवाद के मामले सामने आ रहे हैं।