शिवपुरी। शासकीय अस्पतालों के रख-रखाव व सुविधाओं के लिए शासन की ओर से भरपूर राशि दी जाती हैं,बावजूद इसके वहां हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे । सुधार के लिए आने वाली राशि को महकमे के जिम्मेदार किस तरह से खर्च कर रहे हैं,यह पूछने के लिए करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव ने विधानसभा में सवाल लगाया है ।
विधानसभा में उठने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार खर्चे के दस्तावेज ढूंढने में जुट गए , क्योंकि जवाब तो देना हैं। जैसा कि विदित हैं कि जिले के शासकीय अस्पतालों में रंगाई पुताई से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शासन की ओर से 10-10 लाख रुपए की राशि सभी ब्लॉक में दी गई।
जिसमें सभी बीएमओ को उक्त राशि के कार्य करवाए जाने थे,ताकि आमजन को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें तथा होने वाले कायाकल्प के सर्वे में अस्पताल को अच्छे नंबर मिल सके जिले के सभी बीएमओ ने उक्त रााशि तो खर्च कर दी,लेकिन न तो स्वास्थय सुविधाओं के कुछ सुधार नजर आया।
और न ही अस्पतालो की दशा सुधर सकी। इतना ही नही बीएमओ को काम कराए जाने के लिए टेंडर आमत्रिंत करने थे,लेकिन कुटेशन पर ही काम दर्शाकर उक्त रााशि खर्च कर दी। यही वजह है कि स्वास्थय सुविधओ में कोई सुधार नहीं हो सका। इस मामले को करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव ने गंभीरता से होते हुए उन्होने विधानसभा में प्रश्न क्रमंक 1492,लगाकर वर्ष 2018—19 व 2020—21 में खर्च की रााशि का ब्यौरा मांगा हैं।
चूकि करैरा विधायक ने शासकीय अस्पतालो में किए कार्यो का ब्यौरा मय खर्चे के न केवल मांगा है बल्कि मामले की जांच की भी मांग की है। विधानसभा में लगाए गए सवाल पर अपर संचालक एनएचएम डॉ.पंकज शुक्ला ने सीएमएचओ शिवपुरी को पत्र भेजकर पूरी जानकारी मांगी हैं। जिले के आठ ब्लॉक मं से सात ब्लॉक को 10—10 लाख रूपए की रााशि स्वीकृत की गई थी। चूकि बीएमओ ने सभी कार्य व खरीदी टेंडर आमत्रित करने की बजाए कुटेशन पर ही करवा लिए इसलिए अब सभी इससे बचने की जुगत में हैं।