DNA सैंपल नहीं होना दोष मुक्ति का पर्याप्त कारण नहीं, बलात्कारी को 11 साल की जेल - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। द्वितीय सत्र न्यायाधीश श्रीमती सिद्धि मिश्रा ने एक महिला से बलात्कार किए जाने के मामले में आरोपी को 11 वर्ष के कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से पैरवी आरपी अग्रवाल अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा की गई। अभियोजन के अनुसार फरियादिया थाना गोवर्धन में अपने पिता एवम भाई के साथ आई और उसने पुलिस को दर्ज कराई रिपोर्ट में उल्लेख किया कि 2 अक्टूबर 2017 को दोपहर 1:00 बजे जब उसके माता पिता और भाई खेत पर काम करने गए थे और वह घर में अकेली थी।

उसी समय खेत में मूंगफ ली छीलते समय गांव का हिम्मत जाटव उसके घर के गेंत में घुस आया और पास बनी टपरिया में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म कारित कर डाला। वह चीखी चिल्लाई तो उसकी बड़ी बहन वहां आ पहुंची जिसे देख कर आरोपी हेमंत जाटव मौके से भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने महिला की शिकायत पर से हेमंत जाटव के विरुद्ध अपराध क्रमांक 67/ 2017 धारा 376, 450, 506 भारतीय दंड विधान के तहत एफ आईआरदर्ज कर अभियुक्त हेमंत जाटव को गिरफ्तार कर लिया।

बाद विवेचना पुलिस ने न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जहां विद्वान विशेष द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सिद्धि मिश्रा ने उपलब्ध साक्ष्य, गवाहों और उभय पक्ष की सुनवाई उपरांत आरोप सिद्ध पाया। न्यायालय ने इस प्रकरण में आरोपी का डीएनए परीक्षण ना होने का तर्क दिया जिसे न्यायाधीश सिद्धि मिश्र ने नकारते हुए अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि अभियोजन पक्ष को प्रमाणित करने हेतु अन्य विश्वसनीय साक्ष्य अभिलेख पर विद्यमान हैं तो उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती तथा मात्र डीएनए परीक्षण की विफ लता अभियोजन पक्ष को विपरीत रूप से प्रभावित नहीं कर सकती। न्यायालय ने आरोपी हेमंत उर्फ गोलू जाटव को धारा 376 (1) भारतीय दंड संहिता के तहत 11 वर्ष तथा धारा 450 के तहत 3 वर्ष के कारावास एवं रुपए 2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई।