शिवपुरी। शिवपुरी जिला यूं तो अधिकारियों के लिए चारागाह साबित हो रहा है और अधिकारी यहां भ्रष्टाचार कर लाखों करोडों के बारे न्यारे कर रहे हैं। ऐसा ही मामला शिवपुरी तहसील में सामने आया है जहां नामांतरण के ऐवज में पैसों का खुला खेल चल रहा है। तहसील में पटवारियों से नामांतरण कराने की बात करें तो वह 4 हजार रूपए मांगते हैं वह भी एक हजार स्क्वायर फीट के प्लॉट के। जी हां यह सच्चाई वयां कर कर रहे हैं शिकायतकर्ता जिन्होंने नामांतरण के ऐवज में अपनी जेबें ढीली की हैं।
लोकसेवा में नहीं होते काम
नामांतरण के लिए लोक सेवा गांरटी केंद्र पर आवेदन देना चाहिए लेकिन कई लोगों ने नामांतरण के लिए आवेदन तो किए लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो उन्होंने सीधे दलालों से ही संपर्क कर काम कराया।
2 हजार साहब के
एक शिकायतकर्ता मुकेश ने बताया कि नामांतरण के लिए एक पटवारी से बात की उन्होंने उससे 4 हजार रूपए मांगे और बताया कि दो हजार रूपए तो साहब के ही है तभी साइन होंगे। बाकी कंप्यूटर पर पूरा चढाकर दूुंगा इसके लिए उसे पैसा लगेगा। जिसके बाद मुकेश ने 4 हजार रूपए देकर नामांतरण कराया।
किसानों से नकल के नाम पर वसूली
तहसील में किसान नकल निकलवाने के लिए आते हैं लेकिन यहां भी अन्नदाता की मुश्किल बढ जाती है क्योंकि उन्हें तहसील में बैठे बाबुओं को दक्षिणा देनी होती है तभी उनका काम हो पाता है।