शिवपुरी। कैंसर रोग अब लाईलाज बीमारी नही है इसका उपचार हो सकता है। इससे अब बड़ी संख्या में लोग ठीक भी हो रहे हैं। व्यसनों से मुक्ति रहा जाए तो ओरल जैसे कैंसर से बचा जा सकता है। यह बात कैंसर दिवस के अवसर पर जिला क्षय अधिकारी डॉ. आशीष व्यास ने कार्यशाल को संबोधित करते हुए कही।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन के निर्देशन में कैंसर दिवस के अवसर पर एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र में एक कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया। कार्यशाला में आशा कार्यकर्ता, और एएनएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ मॉँ सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा धूप दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
डॉ. शीतल व्यास ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनसीडी क्लिनिक के माध्यम से कैंसर रोग के निदान के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब बी.पी., शुगर, के साथ कैंसर रोग की पहचान भी ग्राम स्तर पर सीएचओ के माध्यम से की जा रही है एवं शहरी क्षेत्र शिवपुरी में शहरी स्वास्थ्य केन्द्र जवाहर कालोनी एवं कमलागंज को हैल्थ एण्ड बैलनेस सेंटर के रूप में संचालित किया जा रहा है। जहां बीपी शुगर जैसी साईलेंट कीलर बीमारियों की एक-एक माह की दवाएं निःशुल्क प्रदाय की जा रही है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. आशीष व्यास ने कैंसर रोग के कारण निदान और पहचान विषय पर बोलते हुए बताया कि कैंसर रोग की पहचान यदि प्रारंभिक अवस्था में ही हो जाए तो उसका उपचार संभव है। कई रोगी आज कैंसर रोग का उपचार कराकर स्वस्थ्य जीवन जी रहे हैं।
देश में बड़ी संख्या में कैंसर रोग फैल रहा है। इसमें सर्वाधिक मुंह का कैंसर है यह पान, तम्बाखू और गुटका के सेवन से होता है। बडी संख्या में युवा गुटखा का सेवन कर रहे हैं जो कैंसर मुख्य कारण है। इसकी पहचान के लिए मुह में लाल से दिखने वाले छाले फुल्ला का होना, मुंह के अंदर का रंग गुलाबी से काला होना प्राथमिक पहचान है।
इसी प्रकार महिलाओं में होने सर्वाधिक ब्रेस्ट कैंसर को महिलाएं स्वंय ही अपने स्तन के अंदर पडने वाली गठन से जांच सकती हैं। हांलांकि स्तन के अंदर की हर गठन कैंसर की नही होती है।
डॉ.आशीष व्यास ने बताया कि महिलाओं में दूसरा सबसे भयानक कैंसर बच्चादानी का कैंसर है, जो महिलाओं की आम बीमारी सफेद पानी के लम्बे समय तक आने से हो जाता है। ग्रामीण महिलाएं इसका उपचार नही कराती और इस बीमारी की शिकार हो जाती है।
इसलिए यदि कैंसर से बचना है तो प्राथमिक लक्षणों का पता चलते ही उपचार कराना चाहिए। कार्यशाला का संचालन आरबीएसके कोर्डिनेटर अखिलेश शर्मा ने किया तथा आभार प्रदर्शन डीसीएम आनंद माथुर ने किया। कार्यक्रम में आनंद माथुर, कमल कुशवाह, सुनील जैन, सुरेन्द्र शर्मा, आशीष शर्मा, श्रीमती सुषमा जैन सहित बडी संख्या में आशा कार्यकर्ता और एएनएम उपस्थित थे।