शोपीस बना रैन बसेरा,ठंड में बाहर पड़े रहते है जरूरतमंद, कर्मचारियों ने जमाया कब्जा - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। रात के समय बेसहारा और आश्रयहीन लोगों को ठहरने की सुविधा के लिए शासन द्वारा रैन बसेरा की व्यवस्था लागू की गई है लेकिन यह रैन बसेरा सिर्फ और सिर्फ दिखावे के रूप में ही शहर में नजर आ रहे हैं क्योंकि एक रैन बसेरा पुराने बस स्टेण्ड पर स्थित द्वितीय भवन पर हैं जहां पर कोई भी व्यक्ति पहुंच ही नहीं पता हैं और हमेशा खाली पड़ा रहता हैं या फिर नगर पालिका के कर्मचारियों के लिए आश्रय सुविधा उपलब्ध कराता हैं।

वहीं दूसरा रैन बसेरा नवीन बस स्टेण्ड पर स्थित हैं और इसका संचालन नगर पालिका शिवपुरी द्वारा किया जा रहा हैं जिसमें 16 पलंग पुरूषों के लिए एवं 7 पलंग महिला के लिए व्यवस्थित किए गए हैं और वह सर्व सुविधा भी उपलब्ध कराई गई हैं। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य हैं कि शिवपुरी स्थित बस स्टेण्ड पर जो भी यात्री बाहर से आता हैं और उसके रूकने की व्यवस्था नहीं हैं तो उसके लिए निरूशुल्क आश्रय के लिए रैन बसेरा की सुविधा शासन द्वारा प्रदाय की गई हैं।

यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग ठहरने के हाल बने हुए हैं। पूर्व में यहां की लचर व्यवस्था को देखते हुए ठंड में बंद आश्रय स्थल को नियमित रूप से चलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमेशा रात्रि के समय इस रेन बसेरा भवन में हमेशा ताले ही लगे नजर आते हैं। कई मजदूर रात्रि के समय बस स्टेण्ड के हॉल में ही सोते नजर आयेंगे।

रैन बसेरा में कर्मचारियों का कब्जा

जानकारी मुताबिक शहर में पुराना बस स्टेण्ड क्षेत्र में स्थित रैन बसेरा पर इन दिनों सिर्फ और सिर्फ नगर पालिका के कर्मचारियों का कब्जा रहता हैं यहां पर तो अधिकारी देखने तक नहीं आते हैं। जबकि धर्मशाला आश्रय स्थल जो सबसे अधिक है। लोगों के ठहरने सबसे अधिक का उपयोगी भी है लेकिन रैन बसेरा में ऐसा कोई सूचना बोर्ड नहीं लगा हैं ताकि लोग वहां पर आसानी से पहुंच सकेें।

यात्रियों को नहीं मिल पा रहा हैं लाभ

आश्रय स्थल शहर के पुराने एवं नवीन बस स्टैंड के पास ही बने हैं। लेकिन इनका लाभ यात्रियों को कम ही मिल पा रहा हैं क्योंकि इन रैन बसेरों का यात्रियों को ठीक से पता नहीं होने के कारण। यात्री रात में किसी रुकना चाहेंगे, उन्हें आश्रय स्थल उपलब्ध कराया जाएगा।

कई लोग ऐसे भी होते हैं जो काम की वजह से सही समय पर बस नहीं पकड़ पाते और बस छूट जाने से उन्हें भटकना पड़ता है। निजी होटलों में जाकर कमरे की तलाश करते है। ऐसे लोगों को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा रात में भटकते गरीब तबके के लोगों को भी रैन बसेरा में निरूशुल्क ठहरने की सुविधा दी जाएगी। लेकिन यहां तो प्राईवेट होटलों में मंहगे दामों पर यह सुविधा उपलब्ध हो पा रही हैं।

नियमित ठहरने वालों से नहीं लिया जाएगा किराया

आश्रय स्थल में जो नियमित ठहरेंगे, उनसे किराया नहीं लिया जाएगा। जो फुटपाथ में रात गुजारते है। वे निशुल्क यहां रहेंगे। सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। आश्रय स्थल में टेबल, कुर्सी, चादर, तकिया, खाद्य सामग्री, बर्तन, बाल्टी, मनोरंजन के लिए टीवी, कैरम बोर्ड व अन्य जरूरी सामग्रियों भी उपलब्ध रहेगी जिससे उन्हें मनोरंज भी हो सके।
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