दक्षता का पेपर: किताब सामने रखकर सिद्ध की शिक्षकों ने अपनी दक्षता, पेपर पर खडे किए सवाल - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। मप्र शिक्षा मंडल पढाई का स्तर सुधारने के लिए नए नए प्रयोग कर रहा हैं,इसी क्रम में जिन स्कूलो का बीते स़त्र का कक्षा 10 ओर 12 वीं क्लास का परिक्षा परिणाम 40 प्रतिशत तक रहा। ऐसे स्कूलो के शिक्षको को अपनी दक्षता सिद्ध करनी थी और उन्होने दक्षता परीक्षा दी। लेकिन दक्षता परीक्षा दे रहे 22 शिक्षको में कई शिक्षको ने किताब सामने रखकर परीक्षा दी। 

इस परीक्षा का अयोजन रविवार के दिन उत्कृट स्कूल में हुआ। चिन्हित 22 शिक्षको ने इस परिक्षा में भाग लिया। बताया जा रहा हैं कि शिक्षको की कॉपिया भी चैक हो चुकी हैं परिणाम अभी गोपनीय हैं और डीईओ ने विभाग को भेज दिया हैं। 

मप्र बोर्ड की जगह सीबीएसई सिलेबस पर आया गणित का पेपर 

उत्कृष्ट स्कूल में हुई इस परीक्षा में गणित विषय के शिक्षक 70 फीसदी सवालों के ही जवाब दे सके । गणित के शिक्षकों का कहना था कि हमें सीबीएसई सिलेबस आधारित ऐसा पेपर दे दिया तो पांच घंटे में भी हल न हो । खास बात यह थी कि बच्चों को नकल करने से रोकने वाले गुरुजियों ने इस परीक्षा में खुद किताब रखकर प्रश्नपत्र हल किया । हालांकि 29 शिक्षकों को यह परीक्षा देनी थी लेकिन सात शिक्षकों की आपत्ति को सही मानते उन्हें परीक्षा से मुक्त कर दिया गया। 

गलत बुलाया गया इन शिक्षको को,विभाग ने की गलती,डीईओ ने किया परीक्षा से मुक्त 
हाईस्कूल खरई जालिम में पदस्थ हिंदी के शिक्षक सरवनलाल वर्मा , हाईस्कूल बमरा में पदस्थ विज्ञान के शिक्षक कैलाशचंद वर्मा और हाईस्कूल बुडदा में पदस्थ विज्ञान के शिक्षक अभिषेक गौर, इन तीन शिक्षकों को अंग्रेजी विषय का शिक्षक बताकर परीक्षा के लिए बुला लिया गया था । इन शिक्षकों ने आपत्ति जताई तो डीईओ दीपक पांडे ने दस्तावेज मांगे । 

सरवनलाल ने हिंदी का शिक्षक होने का प्रमाण दिया तो जांच में पाया गया कि इस बार बोर्ड ने हिंदी की परीक्षा ही नहीं ली । हिंदी विषय में सभी छात्रों को 100 में से 100 अंक दिए गए हैं । इसलिए हिंदी का परिणाम 100 फीसदी रहा । ऐसे में दस्तावेज जांचे गए तो पता चला कि सरवनलाल को अंग्रेजी का शिक्षक बताकर परीक्षा के लिए बुलाया गया हैं।

इसी प्रकार कैलाशचंद विज्ञान के शिक्षक हैं और उनका परीक्षा परिणाम 80 फीसदी रहा । उन्हें भी अंग्रेजी का शिक्षक बताया गया । अभिषेक गौड़ के विज्ञान विषय का परिणाम 58 फीसदी रहा लेकिन उन्हें भी अंग्रेजी शिक्षक के रूप में बुला लिया गया । आपत्ति को सही मानते हुए डीईओ ने तीनों शिक्षकों को परीक्षा से मुक्त कर दिया 

अतिथि शिक्षक पर नही हो सकती कार्रवाई,इस कारण मैने दी परिक्षा 

हाईस्कूल दुमदमा में पदस्थ गणित विषय के शिक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि वे माध्यमिक स्कूल के शिक्षक हैं । कक्षा 10 के छात्रों को पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक नियुक्त किया गया था लेकिन अतिथि शिक्षक पर कार्रवाई हो नहीं सकती, इसलिए माध्यमिक शिक्षक होने के नाते मुझे हाईस्कूल का प्रभार मिला और मैं सजा का पात्र बन गया । 

परीक्षा में आए प्रश्न पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि हमें सीबीएसई सिलेबस पर आधारित पेपर दे दिया गया जो इतना कठिन था कि इसमें एक भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न गणित में नहीं था । 3 घंटे का समय हल करने दिया जबकि पेपर पूरे 5 घंटे में भी हल नहीं हो सकता । हम तो कुल 70 फ़ीसदी पेपर ही हल कर सके।

गणित विषय के ही एक अन्य शिक्षक देवेश कुमार का कहना था कि लॉकडाउन के कारण वे विषय की पढ़ाई व्यवस्थित नहीं कर सके। परीक्षा में लिखने का उन्हें अभ्यास नहीं रहा । 20 साल पहले वे शिक्षक बने थे। खराब रिजल्ट की वजह से उन्हें दक्षता परीक्षा में शामिल होने को कहा गया तो परीक्षा देने आ गए। 

इनका कहना हैं
दक्षता परीक्षा में जिले के 22 शिक्षक शामिल हुए। परीक्षा के बाद तुरंत इनकी कॉपी की जंचवाई गई। परिणाम गोपनीय हैं। हमने पूरा परिणाम बनाकर आज ही विभाग को भेज दिया। 
दीपक पांडे,जिला शिक्षा अधिकारी,शिवपुरी
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