सरपंच सचिव पर मेहरबान अफसर, लाखों की राशि खुर्दबुर्द, कार्यवाही के नाम पर सिर्फ आश्वासन - Badarwas News

Bhopal Samachar
अरविंद तोमर,मोहम्मद फरहान काजी@रन्नौद। जिले के जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत रन्नौद में निर्माण कार्य कराए बिना लाखों रुपये की राशि आहरण कर गड़बड़ी करने वाले सरपंच सचिव पर विभाग के अधिकारी इस कदर मेहरवान हैं, कि वह घोटाले की जांच करने के नाम पर लगातार लेट.लतीफी करते जा रहे हैं। इस वजह से जो जांच चन्द दिनों में पूरी होनी थी।

वह एक महीना बीत चुका है होने को तो जांच चंद दिनों में कर देते परंतु घूस खोरी का हिस्सा इतना पहुचा कि जांच शुरू कब तक होगी कब खत्म होगी समझ से परे।

जांच अधिकारी जांच में देरी इतनी करी कि जिम्मेदार अधिकारी की फटकार से आनन फानन में कार्य प्रगति पर कर दिया या पूरा हो गया जिस जिस निर्माण का सरपंच सचिव ने पैसा निकाला था।

जांच में विलंब इसलिए हो रहा है, ताकि वह जब जांच करने पहुंचे। तब तक आरोपित लीपापोती करवाकर मौके पर निर्माण कार्य करवा दे और वह उसे जांच में क्लीनचिट दे सकें।

यहां बता दें किए ग्राम पंचायत रन्नौद के सरपंच सचिव द्वारा सीसी सड़क सहित आधा दर्जन से ज्यादा निर्माण कार्यों को मौके पर कराए बिना ही साल भर पहले पंचायत के खाते से लाखों रुपये आहरण कर लिए थे।

जिसकी शिकायत जब ग्रामीणों के द्वारा की गई तो जिला पंचायत सीईओ व जनपद सीईओ ने सरपंच सचिव के खिलाफ जांच दल गठित करके 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थेए लेकिन जांच अधिकारियों ने महीने भर के करीब समय बीतने के बाद भी अभी तक जांच शुरू तक नहीं की है।

इससे सरपंच सचिव ने उक्त निर्माण कार्यों को लीपापोती करके पूरा कराने में जुटा हुआ है। अगर यही स्थिति रही तो मौके पर बेहद घटिया स्तर के निर्माण कार्य करवा दिए जाएंगे और आरोपी को क्लीनचिट भी मिल जाएगी।

शिकायत नहीं होती तो मौके पर नहीं कराए जाते निर्माण कार्य

ग्राम पंचायत रन्नौद के सरपंच सचिव द्वारा जिन कार्यों की राशि साल भर पहले आहरण कर ली थीए उनमें से अधिकांश को मौके पर शुरू तक नहीं कराया। कई काम शुरू करवा भी दिए तो पूरे नहीं कराए और जो पूरे कराए गए उनका निर्माण कार्य बेहद घटिया स्तर का कराया गया।

फिर भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता रिपोर्ट देने वाले इंजिनियर और एसडीओ ने मौके पर कार्य नहीं होने की स्थिति में भी रिपोर्ट दे दी गई। जिनकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा अगर नहीं की जाती तो उक्त घोटाला उजागर भी नहीं हो पाता।

ऐसे में सरपंच सचिव के साथ.साथ संबंधित एसडीओ और इंजिनियर भी घोटाले का आरोपित है। इस वजह से जांच टीम के अधिकारी जांच में टालमटोली कर रहे हैं। ताकि सभी को कार्रवाई से बचाया जा सके।
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