शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क के सहायक संचालक अनिल सोनी ने बताया कि बीते दिनों बाई लाइन ऑफ इंस्टीट्यूट देहरादून के तीन वैज्ञानिकों ने शिवपुरी माधव नेशन पार्क का भ्रमण करके यहां टाईगर एवं चीता लाने की संभावनायें तलाशी हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि यहां चीता और टाईगर रखने के लिए जगह उपयुक्त हैं, लेकिन पार्क के चारों तरफ जो तार फेंसिन हैं वह अभी चार से पांच फिट उसे बड़ा कर 10 फिट करा दिया जाए तो चीता और टाईगर को बाहर जाने से रोका जा सकेगा।
क्योंकि माधव नेशनल पार्क से लगे हुई जगह खुली हैं और खेत हैं इसलिए चीता को खुला मैदान बहुत पसंद होता हैं इसलिए तार फेंसिंग 10 फिट करना अनिवार्य हैं और यदि चीता या टाईगर नेशनल पार्क क्षेत्र से बाहर गया तो उनकी जानको खतरा तो हैं ही लेकिन कुछ भी घटनायें घटित हो सकती हैं। इसलिए दीवाल कराना अनिवार्य हैं। श्री सोनी आगे बताया कि टाईगर और चीता लाने के लिए पार्क प्रबंधन जोर शोर से कार्य कर रहा हैं। जल्द ही शिवपुरी अब चीता और टाईगर पुन: देखने को मिलेंगे।
टाईगर लाने के लिए पार्क प्रबंधन भी जुटा तैयारियों में
मध्य प्रदेश अन्य नेशन पार्कों में बढ़ी टाईगरों की संख्या को ध्यान में रखते हुए जल्द ही नेशनल पार्क प्रबंधन कमेटी द्वारा नौराहादेही सागर, कूनो अभ्यारण, मंदसौर गांधी पार्क, शिवपुरी नेशनल पार्क में जल्द ही टाईगरों को सिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इतना ही नहीं बाहर से आई टीम ने भी यहां की जगह को देखा हैं और बारीकी से परीक्षण रिपोर्ट भी प्रस्तुत की हैं। जिससे यह पार्कों की ओर सैलानियों की संख्या में बढ़ सके और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जिम्बाम्बे और साउथ अफ्रीका से लगाए जा सकते हैं चीते
नेशन पार्क के एक अधिकारी ने बताया कि जिम्बाम्बे और साउथ अफ्रीका से शिवपुरी चीता लाए जा सकते हैं। इतना ही नहीं इनके रख रखाव के लिए नर एवं मादा दोनों की आवश्यकता होती हैं, जिसकी व्यवस्था की जा रही हैं।