शिवपुरी। एक ओर कोरोनाकाल में स्कूल नहीं खुल रहे वहीं दूसरी बोर्ड की मनमानी के चलते स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों के नामांकन भी नहीं हो पा रहे हैं। बोर्ड द्वारा इस बार नामांकन एवं बोर्ड फाॅर्म प्रदेश के सबसे बड़े पोर्टल एमपी ऑनलाइन से न भरवाते हुए स्वयं की बेवसाइट से फाॅर्म भरने का फरमान तो स्कूलों को सुना डाला मगर माध्यमिक शिक्षा मण्डल की बेवासाइट चींटी चाल से रेंग रही है।
जिस पर अभी तक नाममात्र के फाॅर्मों की फीडिंग हुई है। स्कूल संचालकों सहित ऑनलाइन वर्क करने वाले कम्यूटर सेंटर संचालकों का कहना है कि बोर्ड की साइट बार बार बंद हो जाती है इस कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने इस बार स्वयं के पोर्टल से नामांकन और प्रवेश सूची फीडिंग का कार्य करने हेतु स्कूलों को आदेश जारी किए हैं जिनके अंतर्गत पहले 30 अक्टूबर तक कार्य करना था इसके बाद यह तिथि 7 नवम्बर कर दी मगर बोर्ड की साइट नामांकन अभी भी धीमी गति से हो रहे हैं इसके पीछे जो मुख्य कारण निकलकर सामने आ रहा है वह सर्वर की परेशानी।
ऑनलाइन का कार्य करने वाले इसराइल खान का कहना है कि एमपी बोर्ड का सर्वर इतना धीमा है कि एक भी फाॅर्म एक बार में सही और तेज गति से फीड नहीं हो पा रहा है। पूर्व वर्षों में अभी तक एमपी ऑनलाइन के माध्यम से सभी काम आसानी से निपट जाते थे मगर इस बोर्ड की हठधर्मिता के कारण नामांकन एवं परीक्षा फाॅर्म का कार्य बोर्ड की स्वयं की बेवसाइट पर करना पड़ रहा है जो काफी दिक्कत वाला कार्य है।
बोर्ड की हेल्पलाइन भी हुई हेल्पलैस
बोर्ड द्वारा जो हेल्पलाइन नम्बर स्कूल संचालकों को जारी किया गया है उस नम्बर से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है। बोर्ड की हेल्पलाइन सेवा भी हेल्पलेस नजर आ रही है। स्कूल संचालकों का कहना है कि यदि इसी तरह चलता रहा इस बार पूरी साल फाॅर्म ही भरते रहेंगे और यह काम कभी नहीं निपट पाएगा। स्कूल संचालकों का कहना है कि यह काम फिर से एमपी आॅनलाइन को देना चाहिए जिससे काम समय पर निपट सके।
एमपी ऑनलाइन को सौंपा जाए काम
स्कूल संचालकों एवं कियोस्क संचालकों का कहना है कि नामांकन एवं परीक्षा फाॅर्म का काम एमपी ऑनलाइन को ही सौंपा जाना चाहिए क्योंकि पिछले वर्षों में एमपी आॅनलाइन से किया गया काम ठीक ढंग से व समय पर पूरा हो जाता था साथ ही एमपी आॅनलाइन सर्वर की स्पीड काफी अच्छी रहती है। इसलिए इस बार फिर यह काम एमपी आॅनलाइन को सौंपा जाए जिससे स्कूल संचालक मानसिक परेशानी से बच सकें।
इनका कहना है-
हम भी कई बार माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड को इस बारे में लिखित एवं फैक्स के माध्यम से सूचित कर सकें यह सर्वर की प्राॅब्लम है इसके बारे में बोर्ड ही फैसला करेगा कि क्या करना है हो सकता है आने वाले दिनों में साइट में सुधार हो जाए और अंतिम तिथि भी बढ़ा दी जाए।
दीपक पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी