शिवपुरी। पिछले 10 वर्ष से लगातार चर्चा में रहने वाली सिंध परियोजना फिर चर्चा में आ गई हैं। प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ हैं। देाशियान ने दोनो हाथ भरकर माल लूटा हैं और जिम्मेदारो को दोनो हाथो से माल दिया। अब यह भ्रष्टाचार स्वयं सडक फाड कर बहार निकल आया हैं।
जानकारी के अनुसार लुधावली टंकी को भरने के लिए पांनी छोडते समय विष्णु मंदिर से नीलगर चौराहे को जोडने वाली सडक के नीचे दबी जीआरपी पाईप लाईन फट गई। प्रेशर ईतना था कि पाईप लाईन के पानी ने सडक को फाड दिया।
सड़क पर पानी का तेज बहाव देखकर लोग पहुंचे और नगर पालिका को सूचना दी । करीब एक घंटे तक पानी व्यर्थ बहता रहा। बाद में पानी सप्लाई रोकी और बुधवार को लीकेज सुधारने में पूरा दिन बीत गया।
बताया जा रहा हैं कि नगर पालिका अपनी घुसखोरी का उदाहरण पूरी ईमानदारी से दे रहे हैं। जहां-जहां लाईन फूटती हैं वहां वहां नपा पंचर लगा देती हैं। डेढ़ साल पहले दोशियान के खिलाफ ठहराव प्रस्ताव लाने के बाद भी अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई हैं। यही वजह है कि नौ साल बाद भी सिंध प्रोजेक्ट का लोकार्पण नहीं हो पाया। भ्रष्ट अफसरों के आगे जनप्रतिनिधि भी बौने साबित हो रहे हैं।
हर साल समय सीमा देने के बाद भी जनता को सिंध का पानी नहीं मिल पा रहा है । मंत्री यशोधरा राजे ने इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के तमाम वादे किए लेकिन अफसर एक भी वादा समय पर पूरा नही कर पाए।
लगतार 10 साल से यह योजना अपनी पूर्णता को लेकर संघर्ष कर रही हैं,लेकिन पूरी नही हो रही हैंं। 65 करोड से शुरू होकर यह योजना 100 करोड की लागत को पार कर चुकी हैं। इस योजना के कारण शहर को तम्बू गाडकर चौराहे पर बैठना पडा था।