पिछोर। समाज की दूषित मानसिकता से भरी यह खबर पिछोर अनुविभाग के खनियाधाना थाना क्षेत्र के ग्राम मुहारीखुर्द से आ रही हैं कि गांव में निवासरस एक 17 वर्षीय बालिका ने अपने आप में आग लगाते हुए मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा हैं कि गांव ने समाज ने इस बालिका के परिवार का त्याग कर दिया था। इस कारण मानसिक प्रताडना से तंग आकर बालिका ने यह कदम उठाया हैंं।
जानकारी के अनुसार बीती बुधवार की देर शाम ग्राम मुहारीखुर्द में रहने वाली चांदनी पाण्डेय उम्र 17 साल पुत्री ब्रजेश पाण्डेय ने अपने दो मंजिला मकान की छत पर जाकर अपने उपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। घटना के समय घर पर कोई नही था पूरा परिवार खेत पर गया था।
बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद युवती चीखने लगी पडौसी उसकी चीख पुकार सुनकर आए। लेकिन आग ने 17 वर्षीय इस मासूम को अपनी गिरफ्त में ले लिया जिससे उसकी मौत हो गई। मृतिका चांदनी के भाई संजू पांडे ने बताया कि 4 माह पूर्व मेरे छोटा भाई वीनित पांडे उम्र 9 साल ने एक बछडे को बाडे मे गलत तरिके से बांध दिया जिससे उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद गांव ने हमे हत्यारा मान कर समाज से बाहर कर दिया था।
गांव वालो ने पंचायत बुलाई हमसे पूजा पाठ भंडारा और गंगा स्नान कराया गया। हमने पंचायत के बताए गए सभी काम पूर्ण कर दिए थें। दो दिन पूर्व गांव की जगदम्बां मंदिर पर सार्वजनिक कन्या भोज का आयोजन हुआ था उस भंडारे में मेरी छोटी बहन चांदनी गई थी वहां किसी ने उसे भगा दिया और कहा श्रापित लोगो को किसने यहां आने दिया।
इसके बाद वह रोते—रोते घर आई और अपनी मां को पूरी बात बताई,मां ने उसे समझाने का प्रयास किया। भाई ने बताया कि वह दो दिन से चुपचाप थी और समाज में श्रापित करने के मानसिक प्रेशर में आकर उसने यह आत्महत्या जैसा कदम उठाया हैं। पिता ने बताया कि गांव के एक भागवताचार्य उनसे 21 हजार की डिमांड कर रहे है और धमकी दी थी कि जब तक समाज में घुसने नही दूंगा।