राष्ट्रीय साहित्य वाटिका के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय ऑनलाइन कविसम्मेलन / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कोरोना काल में ओनलाईन कविसम्मेलन का चलन अभी भी जारी है, जिसके चलते बीते रविवार के दिन कविसम्मेलन को आयोजन किया गया। जिसमें राजेश पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित हुआ, मुख्य अतिथि सुरेंद्र शर्मा सागर तथा विशिष्ट अतिथि शरद गोस्वामी रहे।

कार्यक्रम संयोजक विकास शुक्ल प्रचण्ड ने संचालन के लिए स्वाति सरु जैसलमेरिया जी का आह्वान किया, सरु जी ने संचालन आरंभ करते हुए सर्वप्रथम सुरेंद्र शर्मा सागर को सरस्वती वंदना के लिए पुकारा, सागर ने, हमपे कर दो कृपा मातु वरदायिनी बुद्धि करती रहे नित्य नूतन सृजन, वन्दना की।

वहीं कविता के दौर में सबसे पहले मनु वैशाली ने तमन्ना सिर्फ इतनी है कि जब तक भी चलें साँसे, सदा इस देश की आवो हवा में ही चलें साँसे,खूब वाहवाही मिली। चंदा देवी स्वर्णकार जबलपुर ने बेटियों पर सृष्टि की इबारत ही अधूरी रह जायेगी, रचना ही नही कर पाएंगे ब्रम्हा कविता पढ़ी, जन मानस को खूब पसंद आई।

सीतापुर से उपस्थित लवकुश शुक्ला ने पढ़ा, अब हमको ही देख लीजिए ऐसा नही है कि हम आगे नही बढ़ पाए, पर अभी तक लाल किले पर नही पढ़ पाए।

हास्य के खूब रंग बिखेरे।
अगले क्रम में आनंद श्रीवास्तव प्रांजल ने, शक्ति व्यसनों में यूहीं गवाओ नही तुम समय दो युवा अब सृजन के लिए, पढ़ा जिसपर लोगों ने खूब तारीफ की।

कर्नाटक से राजश्री तिरवीर ने भारत माँ के चरण कमलों में प्रिय पहले पुण्य प्रणाम करें, जीवन का हरपल प्रियवर भारत माँ के नाम करें कविता पढ़ी, और प्रशंसा प्राप्त की।

अमित शुक्ला ने गजल पढ़ते हुए कहा कि फना हुए हैं उसी की खातिर वही तो नजरें चुरा रहा है ।

पढ़ते हुए खूब तालियं बटोरीं,
डॉक्टर मुकेश अनुरागी ने वंदना करते हुए गीत आकुल व्याकुल बिकल धरा है घिर आओ बदरा, अन्तस के कोने—कोने में दर्द दर्द पसरा गीत पढ़ा।
सबको बहुत पसंद आया।

कार्यक्रम के अंत मे कार्यक्रम अध्यक्ष राजेश शर्मा पुरोहित जी ने सभी का अभिनंदन करते हुए कव्यपाठ किया, संवेदनाओं का अकाल हो गया, वेदनाओं का जब से भान हो गया, परहेज करने लगे लोग स्वदेश के भोज से, पिज्जा बर्गर का बोलबाला हो गया पढ़ा। जिस पर सभी ने दिलखोलकर प्रशंसा की।

अंत मे आभार प्रदर्शन यतीश अकिंचन ने किया।
अन्य कवियों में संस्थापक राकेश मिश्रा रंजन,कार्यक्रम संयोजक विकास शुक्ल प्रचण्ड, मार्गदर्शक सतीश दीक्षित, अरुण दुबे, मीना भट्ट, उर्वशी शर्मा, उमेश अंकल, नितिन, प्रदीप अवस्थी, बसंत श्रीवास्तव, रवि तिवारी, नीलम कुलश्रेष्ठ, उपस्थित रहे।

कविसम्मेलन में काव्यपाठ करने वाले कवियों को संस्थापक राकेश मिश्रा द्वारा सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
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