शिवपुरी। मेरे पति स्व. देवकीनंदन की मृत्यु वर्ष 1994 में शासकीय सेवा वनरक्षक पद पर वन वृत्त शिवपुरी में रहते हुए हुई थी। इसके बाद स्व.पति की अनुकंपा नियुक्ति वन विभाग ने मेरे देवर महेश पुत्र वासुदेव को 1996 में दे दी , लेकिन में पति के किसी क्लेम का जीपीएफ पेंशन आदि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया हैं।
इसके चलते मैं अपना भरण पोषण नहीं कर पा रही हूं । साथ ही भिक्षावृत्ति का धंधा अपनाना पड़ रहा है । यह शिकायत एक लिखित शपथ पत्र के माध्यम से गीता पत्नी स्व.देवकीनंदन शर्मा निवासी न्यू ब्लॉक ने कलेक्टर को सौंपकर की है । महिला ने चेतावानी दी है कि मुझे 30 दिन में पेंशन भुगतान नहीं किया तो आत्मदाह कर लूंगी ।
इसके चलते मैं अपना भरण पोषण नहीं कर पा रही हूं । साथ ही भिक्षावृत्ति का धंधा अपनाना पड़ रहा है । यह शिकायत एक लिखित शपथ पत्र के माध्यम से गीता पत्नी स्व.देवकीनंदन शर्मा निवासी न्यू ब्लॉक ने कलेक्टर को सौंपकर की है । महिला ने चेतावानी दी है कि मुझे 30 दिन में पेंशन भुगतान नहीं किया तो आत्मदाह कर लूंगी ।