स्वास्थ्य विभाग का यह आदेश समाज के लिए संकट है और स्वस्थ समाज को कोरोना कॉरियर करेगा / Shivpuri News

Bhopal Samachar
एक्सरे ललित मुदगल@ शिवपुरी। देश में लॉकडाउन 0.4 शुरू हो चुका हैं। लगातार देश प्रदेश और हमारे शहर में कोरोना पॉजीटिव के मामले बड रहे हैं। सरकार नियमो को कसने के बजाए नियमो में ढील दे रही हैं। अभी तक सरकारे ऐसे आदेश दे रही थी जिसमें कोरोना से लडा जाए। लेकिन अब एक ओदश आया हैं जिससे कॉरियर होने का खतरा पैदा हो गया। 

सीधी भाषा मे कह तो स्वास्थय आयुक्त का एक आदेश अब कोरोना के संक्रमण का कॉरियर करेगा,इस ओदश से ऐसा ही लगता हैं। आईए स्वास्थय आयुक्त फैज अहमद किदवई के कोरोना कॉरियर करने वाले ओदश का एक्सरे करते हैं।

सबसे पहले इस आदेश को कम शब्दो में सारगर्भित लिखने का प्रयास करते हैं। स्वास्थय आयुक्त ने मप्र के सभी जिलो के सीएमएचओ के लिए एक आदेश जारी किया हैंं कि जिन व्यक्तियो के टेस्ट पॉजीटिव आया हैं उन का नाम सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर नही लगा हैं उसकी पहचान समाज से छुपानी हैं। वही कोरोना पॉजीटिव मरीज को 10 दिन से अधिक आईशोलेशन में नही रख सकते हैं। चाहे उसकी रिर्पोट 10 दिन तक निगेटिव नही आई हो।

आज 22 मई है 22 मार्च के दिन इस देश में जनता की कफ्यू की घोषणा हुई थी मतलब आज से 60 दिन पूर्व ही इस देश में कोरोना से जैसी महामारी से लडने का शंखनाद हुआ था। इस लिए आज का दिन महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थय आयुक्त के इस कोरोना कॉरियर करने वाले इस आदेश को सरल शब्दो मे करे तो अब किसी भी कोरोना पॉजीटिव मरीज का नाम सार्वजनिक नही होगा। इसका फायदा कोरोना से लडने में कितना होगा यह तो पता नही है लेकिन नुकसान बडा होने का अनुमान हैंं।

अभी तक जिले में जो भी कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलता था उसका नाम पता फोटो का प्रकाशन होता था। इससे समाज को पूरी जानकारी मिल जाती थी। और समाज उससे सचेत हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नही होगा कोरोना पॉजीटिव मरीज की जानकारी सार्वजनिक नही होगी। आम जन को यह जानकरी नही होगी कि जिसके पास में खडा हूं यह व्यक्ति कभी कोरोना संक्रमित रहा हैंं इसमें आगे बात करे तो अब किसी भी कोरोना पॉजीटिव मरीज को स्वास्थय आयुक्त के आदेश अनुसार 10 दिन से अधिक आईशोलेशन वार्ड में नही रख सकते उसे किसी भी स्थिती में अस्पताल से डिस्चार्ज करना पडेगा।

चाहे उसकी रिर्पोट निगेटिव नही आई हो। कुछ ऐसा ही पडौसी जिले ग्वालियर में हुआ था ऐसे ही एक मरीज को 10 दिन में आईेशोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया था। जबकि वह निगेटिव नही हुआ था। वह आम व्याक्ति की तरह समाज में घूमा और उसने दूसरो का सक्रमंण भी दिया।

अब स्वास्थय आयुक्त के इस नियम को फ्लो करना हैं। अगर ऐसे ही इस नियम को फ्लो किया गया और कोरोना पॉजीटिव मरीज को 10 दिन के आईशोलेशन के बाद छोड दिया गया तो समाज में एक गंभीर संकट पैदा हो सकता हैं। अब कोरोना पॉजीटिव मरीज की पहचान भी उजागर नही होगी। वैसे मरीज से कहा जाऐगा कि आप 14 दिन हॉमक्वारेटन रहना होगा,लेकिन मरीज ने ऐसा नही किया वह स्वस्थय समाज में घुलमिल जाए तो वह कोरोना कॉरियर कर सकता हैं।

यह आदेश किसना समाजसेवी है पता नही,इस आदेश से कोरोना के युद्ध में समाज का कितना फायदा होगा और कैसे होगा यह भी कोरोना संक्रमण जैसे अदृश्य हैं लेकिन जैसे कोरोना संकम्रण से पीडित मरीज अदृश्य नही रहता वैसे ही इस ओदश के दुष्परिणाम अवश्य सामने स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। अगर कोरोना पीडित मरीज को 10 दिन में आईशोलेसन से डिस्चार्ज कर दिया जाता हैं तो वह कोरोना कॉरियर अवश्य करेगा। अब समाज का बहुत ही सावधान रहने की आवश्यकता हैं।