दो नवजात शिशुओं सहित प्रसूता की मौत, डॉक्टर संदेह के दायरे में

Bhopal Samachar

शिवपुरी। अस्पताल में मरीजो की जान के साथ खिलवाड किया जा रहा हैं इसके उदाहरण कई बार अस्पताल से लगातार आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला आज सामने आ रहा हैं कि डॉक्टरो की लापरवाही के कारण प्रसूता और उसने 2 नवजातो की मौत हो गई। बताया जा रहा हैं कि प्रसुता को डिलीवरी के लिए 4 दिन से भर्ती रखा था,लेकिन आपरेशन किया तो 2 नवजात और प्रसूता की मौत हो गई।
 
जानकारी के मुताबिक शुक्रबती (18) पत्नी मातादीन कुशवाह निवासी पिपरघार को प्रसव के लिए परिजन शनिवार की रात करीब 11 से 12 बजे के बीच जिला अस्पताल लेकर आए थे। यहां डॉक्टर और नर्स ने नॉर्मल डिलीवरी की कहकर भर्ती रखा। शुक्रबती की बहन ऊषा कुशवाह ने बताया कि नर्स और डॉक्टर से डिलीवरी के बारे में पूछते तो हर बार यही कहते रहे कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।

बुधवार की दोपहर करीब 2 बजे शुक्रबती की हालत बिगड़ गई। इसके बाद शुक्रबती को ऑपरेशन के लिए लेे गए। कुछ देर बाद आकर बताया कि दोनों जुड़वा बच्चों की मौत हो गई है। जिसमें एक बेटा व दूसरी बेटी थी। इसके बाद हमें बताया कि शुक्रबती की भी मौत हो गई है। इसके बाद शुक्रबती के पति मातादीन का संतुलन बिगड़ गया। शुक्रबती की बहन ने रोते-रोते बताया कि पिछले साल ही शुक्रबती व मातादीन की शादी थी और यह पहली डिलीवरी थी।

महिला डॉक्टर और सिविल सर्जन बात करने तक को राजी नहीं
2 नवजात सहित प्रसूता की मौत की वजह और किसकी लापरवाही रही, इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ एमएल अग्रवाल से संपर्क करना चाहा तो उनका फोन बंद आता रहा। वहीं ऑपरेशन करने वाली डॉ मोना गुप्ता से उनके फोन पर बात करनी चाहत तो उन्होंने एक भी बार फोन रिसीव नहीं किया। आरएमओ डॉ राजकुमार ऋषिश्वर का भी फोन नहीं उठा। मौके पर मौजूद महिला डॉक्टर ने भी बात नहीं की।

कही रिश्वत तो नही इनकी मौत का कारण
यह बात कटू सत्य हैं कि सरकारी अस्पताल में बिना रिश्वत दिए कोई काम नही होता,खासकर आपरेशन जैसे मामले में,सूत्रो का कहना हैं कि डिलेवरी जैसे मामले में अधिकांश:मामले में यह जानकारी पूर्व से ही हो जाती हैं कि प्रसूता का आपरेशन से डिलेवरी होगी या नॉर्मल।

अगर डिलेवरी नॉर्मल होती हैं तो नर्से सौदा तय कर लेती हैं अगर आपरेशन होता हैं तो डॉक्टर सौदा तय करते हैं। प्रसूता के परिजनो को घर बुलाकर पैसे लिए जाते हैं। कही इस मामले में ऐसा तो नही हुआ कि प्रसुता ने परिजनो ने रिश्वत की बात नही की। इसी कारण उसे बैटिंग में डाल दिया गया।

फिर इमरजैंसी में आपेरशन किया गया। देरी की वजह से 2 नवजात और प्रसूता की मौत हो गई। सवाल अस्पताल में अभी भी खडा हैं प्रसूता को 4 दिन क्यो भर्ती करके क्यो रखा गया। तत्काल आपरेशन क्यो नही किया गया। पूरा का पूरा मामला संदिग्ध दिखता हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए।

जिला अस्पताल में एक साथ तीन मौतों को लेकर प्रबंधन ने चुप्पी साधी
जिला अस्पताल शिवपुरी में प्रसूता को चार दिन नॉर्मल डिलीवरी की कहकर भर्ती रखा गया। बुधवार की दोपहर हालत बिगड़ी तो जल्दबाजी में ऑपरेशन थिएटर में ले गए। ऑपरेशन से दो जुड़वा शिशुओं को निकाला तो उनकी मौत हो चुकी थी। कुछ देर बाद प्रसूता की भी मौत हो गई। एक साथ तीन मौत कैसे हो गईं, किसी ने प्रसूता के परिजन को वजह स्पष्ट नहीं बताई। परिजन रोते हुए प्रसूता व दोनों नवजात के शव लेकर गांव चले गए। मामले में प्रबंधन ने भी चुप्पी साध ली है।