करैरा। नेशनल हाइवे कोटा-झांसी मार्ग पर स्थित करैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों व डॉक्टरों के लिए पीने तक पानी नहीं है। यहां इलाज कराने आने वाले मरीज पानी के लिए जगह-जग भटकते देखे जा सकते हैं। मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की गई लेकिन आज तक इसका कोई हल नहीं निकला हैं।
मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि रोजाना करीब 20 हजार लीटर पानी की आवश्यकता है लेकिन केवल 2 हजार लीटर पानी ही मिल पा रहा है। अस्पताल आने वाले मरीज, अटेंडर यहां तक कि डॉक्टर भी अपने घर से पीने के लिए पानी ला रहे हैं।
तीन करोड़ की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का अभाव
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 3 करोड़ रुपए से कराया गया है। अत्याधुनिक अस्पताल की इस बिल्डिंग में कई सुविधाओं का आभाव बना हुआ है। सबसे गंभीर समस्या यहां पानी की बनी हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने-जाने वाले सैंकड़ों ग्रामों के मरीजों को पीने का पानी तो दूर शौचालय के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। यह समस्या कोई आज से नहीं है बल्कि यह समस्या दो साल से बनी है।
तीन बार कराई बोरिंग, एक भी सफल नहीं
पानी की समस्या को लेकर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा तीन बार बोरिंग कराई गई लेकिन बोरिंग एक ही सक्सेस निकली। दो बार तो बोर सूखे ही निकला अभी जो पानी थोड़ा बहुत मिलता है वह एक ही बोरिंग के पानी से आता है जिसमें कुछ ही पानी आता है करीब 200 लीटर निकलता है।
अभी हाल में पानी की व्यवस्था नगर परिषद के टैंकर के द्वारा की जा रही है तब कही जाकर अस्पताल के एनआरसी पोषण पुनर्वास केंद्र, प्रसूताओं डिलेवरी प्रसव केंद्र में रहने वाली महिलाओं और बच्चों को पानी मिल पाता है वो भी केवल बाथरूम के लिए पीने के लिए पानी बाहर जाकर मरीजों के परिजनों को लाना पड़ता है।
20 हजार लीटर की आवश्यकता मिल रहा 2 हजार लीटर पानी
बीएमओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कि हमें पानी 20 हजार लीटर की जरुरत है और नगर परिषद से 2 हजार लीटर ही पानी मिल पाता है। जब इस समस्या को लेकर नगर परिषद सीएमओ दिनेश श्रीवास्तव से चर्चा की तो उनका कहना था कि अस्पताल प्रबंधन पानी की स्वयं व्यवस्था करें हम नहीं भेज सकते पानी।
आरओ मशीन और वाटर कूलर बने शॉपीस
करैरा अस्पताल में मरीजों को पीने के पानी के लिए रखे गए आरओ मशीन और वाटर कूलर भी सूखे पड़े है। यहां तक कि बाथरूम में बनी पानी की टंकी भी सूखी पड़ी है। पानी न होने से मरीजों को अपने घरों से पीने का पानी लेकर आना पड़ रहा है। यह तो मरीज ही है यहां तक कि अस्पताल का स्टाफ भी अपने घर से पानी लेकर चलता है। यह कैसा अस्पताल जिसमें अस्पताल प्रबंधन पानी की व्यवस्था तक नहीं करवा पा रहा है।
इनका कहना है
अस्पताल में पानी की काफी समस्या है। जरुरत है 20 हजार लीटर की और नगर परिषद से एक ही टैंकर आता है। कब तक चलेगा एक टैंकर पानी।
डॉ. प्रदीप शर्मा, बीएमओ करैरा
अस्पताल में पानी भेजने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। पानी की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन स्वयं करे। प्राइवेट टैंकर मंगवाए हम पानी नहीं भेज सकते।
दिनेश श्रीवास्तव, नपं सीएमओ करैरा