औंधे मुंह जमीन पर गिरा प्रशासन का एंटी माफिया अभियान,अतिक्रण के नाम पर बसूली शुरू | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। बडे ही जोर-शोर से शुरू हुआ एंटी माफिया अभियान औंधें मुह गिर गया हैं,प्रशासन की मुहिम केवल अतिक्रमण और खादृय तक सिमित रही,अतिक्रमण भी विवादो में आ गया। बताया जा रहा था कि 11 प्रकार के माफियाओ के खिलाफ यह अभियान चलाया जाना था।

लोगों का कहना है कि जिले भर में भवन तो ढहाए लेकिन, मिलावटखोरों, सूदखोरों, रेत माफिया, पत्थर माफिया, नशा सहित अन्य पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। बता दें कि एक महीना हुआ जब प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने प्रदेश भर में माफियाराज खत्म करने का ऐलान किया था। करीब 11 तरह के माफिया चिन्हित किए गए थे।

नशे का कारोबार
शहर सहित अंचल भर में स्मैक का कारोबार चरम पर हैं। छोटे छोटे गांव अब स्मैक की गिरफत में आ रहे हैं। नरवर के मगरौनी जैसा कस्बा स्मैक के कारोबार की गिरफत में हैं और यहां ग्रामीण स्मैक के नशे के चलते आदी हो रहे हैं। स्मैक के कारोबार पर पुलिस ने कुछ दिन पहले तक तो कार्रवाई की लेकिन अब नशे के इस कारोबार पर पुलिस की कार्रवाई कई दिनों से बंद हैं। स्मैक के बड़े तस्कर तक पुलिस नहीं पहुंच पाई हैं।

वैध से ज्यादा अवैध शराब की दुकानें
जिले भर में आबकारी महकमें ने शराब की वैध दुकानें लायसेंस पर खुलवाई हैं जबकि शराब ठेकेदारों ने गांव गांव शराब की दुकानें खुलवा दी हैं। प्रदेश के मुखिया ने गांव गांव खुली इन अवैध शराब दुकानों पर कार्रवाई करने की बात अमले से कही थी लेकिन आबकारी महकमें ने अब तक गांव गांव खुली इन अवैध शराब दुकानों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की है। जबकि वैध से ज्यादा जिले भर में अवैध शराब की दुकानें संचालित हैं।

रेत माफिया
जिले में भर रेत का अवैध कारोबार चरम पर हैं जहां खदान स्वीक्रत ही नहीं हैं वहां से भी रेत का अवैध खनन किया जा रहा है तो वहीं खेतों से मिटटी खोदकर उसे तक माफिया रेत बना देता हैं। नए ठेके हो गए लेकिन अब तक उन्हें चालू नहीं किया गया नतीजे में माफिया सक्रिय हैं और खनन में जुटा हुआ है। करैरा के सोनचिरैया अभ्यारण्य क्षेत्र, नरवर, पिछोर, खनियाधाना, बदरवास, बैराड, पचावली, गोराटीला सहित कुछ अन्य इलाकों से रेत का अवैध खनन हो रहा है।

पत्थर माफिया
जिले में पत्थर का भी अवैध खनन जारी है। कई इलाकों में खदान बंद होने के बावजूद रात दिन खनन किया जा रहा है। खनिज माफिया वन अमले पर हमला भी कर चुका है। हाल ही में खोड़ इलाके में पत्थर माफिया ने वन टीम पर हमला किया था जबकि करैरा में विधायक के नाम पर धमकाने का वीडियो वायरल हुआ था। रेत माफिया ने भी वन अमले पर हमला कर दिया था। बावजूद इसके पत्थर और रेत माफिया पर कोई बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

मिलावटखोर
शहर सहित अंचल भर में मिलावट का खेल जारी हैं। कुछ दिनों पहले खाद्य तेल के जम जाने की शिकायत के बाद सेंपल लिए गए हैं जिसकी रिपोर्ट आने पर खुलासा होगा। जबकि शहर में पाम आयल खपाया जा रहा है और कुकिंग मीडियम के नाम से अमानक खाद्य तेल बाजार में बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं यहीं हाल अन्य खाद्य सामग्री में भी हैं। खाद्य एवं अपमिश्रण विभाग ने सेंपलिंग तो की लेकिन कितने सेंपल फैल हुए और उसके बाद मिलवाटखोरों पर क्या कार्रवाई की यह अब तक ज्ञात नहीं हैं।

जमाखोरी
अनाज व अन्य सामान की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए लेकिन किसी भी जमाखोर के खिलाफ प्रशासन ने कोई कार्रवाई तक नहीं की है। प्याज का स्टॉक व्यापारियों ने अपने अपने गोदामों पर किया लेकिन प्रशासन ने महज एक दिन जांच कर इतिश्री कर ली जबकि व्यापारियों ने प्याज को ऊंचे दामों पर बाहर भेजकर मोटा मुनाफा कमाया जबकि आमजन प्याज को ऊंचे दामों पर खरीदने को मजबूर हुआ।

शिक्षा माफिया
शहर सहित अंचल भर में शिक्षा की दुकानें संचालित हैं जिनके पास मान्यता तक नहीं हैं और वह स्कूल का संचालन कर रहे हैं। मान्यता कम कक्षाओं की लेकिन छात्रों को एडमीशन अधिक की कक्षाओं में देकर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे स्कूलों के विरुद्घ भी कार्रवाई करने का दंभ सरकार ने भरा था लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक माह बीत जाने के बाद भी जिले के एक भी स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई तक संस्थित नहीं की है।

सूदखोर
शहर में बिना लायसेंस के मोटे ब्याज पर लोगों को पैसा दिया जा रहा है और मनमाने तरीके से इस पैसे की उगाही की जा रही हैं। शहर में सूदखोरों के मोटे ब्याज के चंगुल में फसकर कई लोग अपनी जान तक गवा बैठे हैं। प्रशासन ने ऐसे न तो सूदखोर ही चि-ति किए हैं और न ही उनके विरुद्घ कोई अभियान चलाकर कार्रवाई की है। नतीजे में कई लोग अब भी इन डंडा बैंक के कारोबारियों के चंगुल में फसे हुए हैं। इनके विरुद्घ अभियान चलाया जाना चाहिए।

चिकित्सा माफिया
शहर सहित अंचल में निजी नर्सिंग होम संचालित हैं जो मरीजों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं और मनमाना इलाज कर रहे हैं। इतना ही नहीं अंचल भर में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें खुली हैं जिनके इलाज से कई लोगों को असमय मौत का शिकार होना पड़ा लेकिन इनके विरुद्घ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न ही नर्सिंग होमों की नियमित जांच ही प्रशासन द्वारा की जा रही हैं जिससे इनकी मनमानी पर अंकुश लग सके।

भू माफिया
भू माफिया पर प्रशासन ने जरूर कार्रवाई की और नमो नगर सहित कुछ स्थानों पर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाए गए। भू माफिया पर कार्रवाई जरूर जिले भर में चली लेकिन छोटे और गरीब तबके के लोगों तक पहुंचकर कार्रवाई सिमटकर रह गई। बड़े और रसूखदारों लोगों को महज नोटिस देकर इतिश्री कर ली गई जबकि उनके अतिक्रमण आज तक प्रशासन जमींदौज नहीं कर पाया है। इन रसूखदारों के नोटिस की समय अवधि भी खत्म हो गई हैं बावजूद इसके इनके विरुद्घ कोई कार्रवाई तक नहीं की गई।

सहकारिता माफिया
नियुक्ति को लेकर फर्जीबाड़ा सामने आया था शिकायत हुई। छानबीन की गई। इसके बाद कुछ को निलंबित किया गया लेकिन अभी भी इस मामले में कार्रवाई की दरकार है। सहकारिता के मामलों को लेकर सवाल समय समय पर उठते रहे हैं। बीते दिनों हुई खरीदी के मामले में भी गड़बड़ी सामने आई हैं जिसमें लाखों रूपए का अमानक चना और मसूर की खरीद की गई लेकिन दोषियों के विरुद्घ आज तक कोई कार्रवाई तक नहीं की गई।

एंटी माफिया सेल भी हुई थी गठित
कलेक्टर अनुग्रहा पी ने एंटी माफिया सेल का गठन भी किया गया। नोडल अधिकारी एडीएम आरएस बालोदिया हैं जबकि जिले के सभी एसडीएम अन्य अधिकारी इस टीम में शामिल किए गए। इसके बाद एक बैठक आयोजित हुई जिसमें सभी 11 मामलों से संबंधित अधिकारियों को बुलाकर माफिया के विरुद्घ मुहिम चलाने के निर्देश दिए गए थे।
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