नशे का कारोबार: 10 की राजश्री 15 में, माफियाओं ने गुटके का कर रखा है स्टॉक, प्रशासन मौन

Bhopal Samachar
कोलारस। बीते दिनों ग्वालियर से लेकर अन्य जिलों में गुटका की फैक्ट्रियों गोदामों पर प्रशासन ने अचानक जाकर जप्ती कर छापामार कार्रवाई की जिसके चलते भारी मात्रा में गुटका जप्त हुआ है। 

इसका लाभ उठाते हुए कोलारस के व्यापारियों ने गुटके की कमी बताकर गुटका के दाम दुगने बढ़ा दिए और लोग अधिक रेट में गुटखा पाउच खरीदने को विवश दिखाई दे रहे हैं और आश्चर्य वाली बात तो यह है कि कोलारस में संचालित किराना दुकानों सहित व्यापारियों के गोदामों पर गुटका अधिक मात्रा में स्टॉक करके रखा हुआ है।

इसके बावजूद भी दाम बढ़ाकर बाजार में बेचा जा रहा है। जिसके चलते 05 की पाउच 07 में और 10 की पाउच 12 में बेची जा रही है। कोलारस के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को व्यापारियों के गोदाम में दुकानों पर जाकर छापामार कार्रवाई करना चाहिए और यदि मौके पर जाकर अचानक छापामार कार्रवाई की जाए तो लाखों की कीमत का गुटका गोदामों दुकानों से जप्त हो सकता है।

जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं लेकिन इस अवैध नशे के कारोबार के साथ-साथ जिले भर में गुटके का अवैध रूप से स्टॉक करने वाले माफियाओं पर आज तक जिला प्रशासन ने कोई भी अंकुश नहीं लगाया है। जबकि इन छोटी-छोटी दुकानों पर नशेडिय़ों के स्मैक, सनन, गांजा सहित अन्य नशे की सामग्री खुलेआम बेची जा रही हैं।

जबकि पूर्व की सरकार ने राजश्री, विमल जैसी गुटका फैक्ट्रियों पर भी प्रतिबंध लगाया था। साथ ही गुटका खुलेआम विद्यालयों और शासकीय दफ्तारों के प्रांगणों 100 मीटर तक नहीं बिकना चाहिए लेकिन अब तो स्थिति यह हैं कि शासकीय दफ्तरों के प्रांगणों में ही खुलेआम बेचा जा रहा हैं। प्रशासनिक अधिकारी इसका स्वयं उपयोग करने में लगे हुए हैं।

100 मीटर के अंदर विद्यालयों शासकीय कार्यालयों के बाहर  बिकता गुटखा  

पिछली भाजपा सरकार द्वारा शासकीय विद्यालय शासकीय कार्यालयों के बाहर 100 मीटर की दूरी में गुटखा प्रतिबंधित किया गया था। परंतु अब प्रदेश में सरकार बदल गई और फिर से कोलारस नगर में स्थित शासकीय कार्यालयों सहित प्राइवेट शासकीय विद्यालयों के बाहर 100 मीटर के अंदर ही गुटका खुलेआम दुकानदारों द्वारा बेचा जा रहा है।

इसके बावजूद भी प्रतिबंधित गुटके को जप्त करने की कार्रवाई आज तक नहीं की जा रही। जिसके चलते गुटखा बेचने वाले दुकानदारों के हौसले बुलंद  बने हुए हैं। अधिकांश शासकीय कार्यालय के अंदर ही अधिकांश कर्मचारी  गुटके का सेवन करते हुए दिखाई देते हैं। प्रशासन को शीघ्र ही कार्रवाई करना चाहिए।

गोदामों में भरा पड़ा है गुटखा

कोलारस में एबी रोड से लेकर मानीपुरा  एप्रोच रोड  सहित अनेक स्थानों पर संचालित किराने की दुकानों सहित गोदामों पर भारी मात्रा में गुटका का स्टॉक कर रखा हैं। लेकिन प्रशासन अधिकारियों पर इन स्टॉक कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं है। ग्वालियर की तरह कोलारस में भी प्रशासन को अचानक जाकर छापामार कार्रवाई करना चाहिए जिससे लाखों रुपए की कीमत का गुटका जप्त हो सकता है। और इस अवैध कारोबार पर भी अंकुश लगाया जा सकता हैं।

पॉलिथिन पर भी नहीं हुई कार्यवाही

जिला प्रशासन ने सरकार आते ही पॉलिथीन पर बंद कराने के कदम उठाए थे और स्वच्छता अभियान सह भागी बनने के लिए पॉलिथी को पूर्ण रूप से प्रबंधित करने के लिए शहर में प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्यवाही की लेकिन अब पुन: इस पॉलिथीन का कारोबार बेधडक़ अंदाज में चलाया जा रहा हैं।

न तो इन पॉलिथीन विक्रेताओं के खिलाफ कोई चालानी कार्यवाही की जा रही हैं न ही इन पर पूर्ण प्रतिबंध लग सका हैं। इससे यह प्रतित होता हैं कि यह कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ बसूली का अंदाज था। जबकि पूर्ण से प्रतिबंध लगाने की बात कहीं थी साथ ही स्टॉक करने वाले कारोबारियों जुर्मा बोले गए थे, लेकिन अब वही पुराना राग अलावा जा रहा हैं।