शिवपुरी। ई-टेंडर घोटाले में आरोपी हैदराबाद की मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मेहरबान जल संसाधन विभाग के अफसरों ने शिवपुरी जिले के खनियांधाना से शुरू होने वाली 2208 करोड़ रुपए की लागत वाली लोअर उर बांध परियोजना में काम शुरू हुए बिना ही 900 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया।
इस प्रोजेक्ट की ड्रॉइंग और डिजाइन तक अभी फाइनल नहीं हो पाई है। फिर भी अफसरों द्वारा स्टील और पाइप सप्लाई के नाम पर कमीशनबाजी के चक्कर में लगातार पेमेंट किए जा रहे हैं।
जल संसाधन विभाग ने शिवपुरी और दतिया जिले की 1.10 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन को शिवपुरी की उर नदी से सिंचित करने के लिए लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना तैयार की थी।
इस परियोजना के लिए नहर और बांध के अलग-अलग ठेके दिए गए थे। इसमें नहर का ठेका हैदराबाद की मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है, वहीं बांध तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। इस परियोजना में नहर के लिए पाइप तैयार करने के लिए कंपनी को मौके पर ही फैक्टरी लगानी थी।
ऐसे में मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपनी फैक्टरी बामौरकलां में लगाई और जल संसाधन विभाग के अफसरों ने उसे भुगतान करना शुरू कर दिया। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट की ड्रॉइंग और डिजाइन तक फाइनल नहीं हो पाई है और अफसर 2208 करोड़ रुपए में से 41% भुगतान भी कंपनी को कर चुके हैं। विभाग के अफसरों का तर्क हैं कि कंपनी ने मौके पर पाइप सप्लाई करने शुरू कर दिए हैं, इस कारण पेमेंट किया गया है, जबकि काम शुरू हुए बिना पेमेंट करने का कोई नियम नहीं है।
मां रतनगढ़ परियोजना में 84 करोड़ रुपए का पेमेंट किया
मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास सिर्फ यही नहीं, बल्कि मां रतनगढ़ परियोजना का भी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट में भी अफसरों ने कंपनी को दो किश्तों में 84 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। इस भुगतान के लिए जल संसाधन विभाग के अफसरों ने बामौरकलां में रखे हुए पाइपों के फोटो को साइट पर रखे स्टॉक के रूप में दर्शाया और पेमेंट करना शुरू कर दिया। इसमें पहले 14 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था और एक सप्ताह पहले 70 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया है।
क्या है परियोजना: इस परियोजना के तहत शिवपुरी जिले में उर नदी पर बांध तैयार किया जाएगा। इसके बाद नहर से सिंचाई के लिए पानी सप्लाई होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत शिवपुरी जिले के 183 गांवों में 90 हजार हेक्टेयर और दतिया जिले के 40 गांवों की 20 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी। इस सिंचाई परियोजना की कुल लागत 2208 करोड़ है। जिसमें 285 करोड़ रुपए से बांध का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि शेष 1923 करोड़ रुपए की लागत से नहर का निर्माण कराया जाएगा। कुल 223 गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।
हम मामले की जांच शुरू करेंगे
मेंटेना कंपनी के खिलाफ हमारे यहां पहले से जांच चल रही है। अगर लोअर उर परियोजना में भी अफसर काम के बिना ही एडवांस पेमेंट कर रहे हैं, तो हम टेंडर की शर्तें चेक करा लेते हैं। आधी से ज्यादा राशि का एडवांस भुगतान करना गलत है। सुशोभन बनर्जी, महानिदेशक ईओडब्ल्यू, मध्यप्रदेश
मैं अफसरों से जानकारी लेता हूं
मुझे इस मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है। मैं विभाग के अफसरों से इसकी पूरी डिटेल लूंगा। बिना काम किए कंपनी को क्यों पेमेंट किया गया। इसकी पूरी पड़ताल की जाएगी। जो भी इस मामले में दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे। हुकुम सिंह कराड़ा, मंत्री, जलसंसाधन विभाग मप्र
223 गांवों के किसानों को होगा लाभ
स्विच ऑफ रहा फोन: इस मामले में मेंटेना कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनिवास राजू के मोबाइल नंबर 7748083333 पर कई बार कॉल किए, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ बताता रहा। कंपनी के इंजीनियर गणेश से भी संपर्क किया, लेकिन उन्होंने भी इस बारे में बात करने के इनकार कर दिया।
मैं व्यस्त हूं, आप बाद में बात करें
मुझे अब इस परियोजना में बांध की जिम्मेदारी दी गई है। नहर का काम दूसरे कार्यपालन यंत्री के पास में है। आपको इस बारे में जो भी बात करनी है, वह आप मुझसे कल करें। फिलहाल अभी मैं कहीं व्यस्त हूं।
राजेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग