इस तरह हुई भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर राजू बाथम की ताजपोशी: पढिए पत्रकार अशोक कोचेटा की रिर्पोट | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिलाध्यक्ष पद के लिए आखिरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा संगठन की पसंद माने जाने वाले राजू बाथम की ताजपोशी हो गई। श्री बाथम के पक्ष में इतने मजबूत समर्थन के बावजूद भी उनका जिलाध्यक्ष बनना इतना आसान नहीं रहा।

सूत्र बताते हैें कि श्री बाथम सर्वसम्मति के उम्मीदवार नहीं बल्कि आमसहमति के उम्मीदवार के रूप में वह जिलाध्यक्ष बनने में सफल रहे हैं। जिलाध्यक्ष पद के लिए जब आयु सीमा के कारण निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी अपात्र घोषित हो गए तब राजू बाथम के लिए जिलाध्यक्ष पद के दरबाजे स्वत: खुल गए।

हालांकि सुशील रघुवंशी के दौड़ से बाहर होने के बाद उनके विकल्प के रूप में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू का नाम सामने रखा गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और रायशुमारी में गोटू का नाम शामिल न होने के कारण उन्हें भी पद के लिए उपयुक्त नहीं माना गया।

इसके बाद कल रात भाजपा ने प्रदेश में जिन 32 जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की उनमें शिवपुरी के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में राजू बाथम का नाम घोषित हो गया। राजू बाथम भाजपा शासनकाल में मछुआ कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष थे। इस नाते उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी मिला हुआ था।

नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राजू बाथम बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता रहे हैं और संघ की हर गतिविधि से वह जुड़े रहें हैं। हालांकि श्री बाथम शासकीय सेवा में थे। लेकिन इसके बाद भी वह संघ के दायित्वों का निर्वहन करते रहे हैं। बिजली विभाग में सेवा के दौरान राजू बाथम प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मोती कश्यप के भी निजसहायक रहे हैं।

लेकिन डेढ़ वर्ष पूर्व शासकीय सेवा से स्वेच्छिक पद मुक्ति लेकर वह भाजपा की राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए भी पार्टी से टिकट की मांग की। लेकिन उनके स्थान पर हरिओम राठौर को टिकट दिया गया।

लेकिन श्री राठौर चुनाव नहीं जीत पाए। इसके बाद राजू बाथम को मछुआ कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया। भाजपा की राजनीति में सक्रिय होने के बाद राजू बाथम लगातार संगठन से जुड़े रहे और भाजपा संगठन के चुनाव में उन्हें शिवपुरी जिले का सहनिर्वाचन अधिकारी घोषित किया गया।

सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष पद के लिए भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने राजू बाथम को जिलाध्यक्ष बनाने का निर्णय ले लिया था। लेकिन इस निर्णय को कार्यरूप में लाना राजनैतिक उखाड़ पछाड़ के चलते इतना आसान नहीं था। श्री बाथम के पक्ष में सांसद केपी यादव मैदान में आए।

इससे श्री बाथम की ताकत बढ़ी। जिले में भाजपा के दो विधायक हैं- एक हैं शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया और दूसरे कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी। लेकिन दोनों विधायकों के बीच कोई समन्वय नहीं है।

श्री रघुवंशी कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए हैं और 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया ने पराजित किया था और इसी कारण एक ही पार्टी में होने के बाद भी दोनों के बीच मतभेद बने हुए हैं।

यशोधरा खैमे ने जिलाध्यक्ष पद के लिए निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी का नाम चलाया। उनके सलाहकारों ने उन्हें बताया कि श्री रघुवंशी 55 वर्ष से कम आयु के हैं। जबकि विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का झुकाव सोनू बिरथरे और इसके बाद राजू बाथम की ओर था।

जिलाध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा हालांकि राजकुमार खटीक, हेमंत ओझा, दिलीप मुदगल, धैर्यवर्धन शर्मा, अजीत जन आदि भी पाले हुए थे। लेकिन उपयुक्त गौड फादर के अभाव के कारण उन्हें समर्थन नहीं हांसिल हो सका। जहां तक राजू बाथम का सवाल है किसान मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत ने भी उनके नाम की पैरवी की और श्री रावत ने केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके नाम पर सहमति प्राप्त की। हालांकि सोनू बिरथरे की राजनैतिक लाईन भी ठीक यहीं थी।

लेकिन राजू बाथम से मुकाबले में वह पिछड़ गए। रायशुमारी में यशोधरा खैमे ने सुशील रघुवंशी के नाम को आगे बढ़ाया था। रायशुमारी में बताया जाता है कि श्री रघुवंशी का पलड़ा भी भारी थी। लेकिन श्री रघुवंशी विरोधियों ने पार्टी के समक्ष खरेह स्कूल की उनकी अंकसूची प्रस्तुत कर दी।

जिसमें उनकी उम्र 55 वर्ष 8 माह निकली। जबकि पार्टी की गाईडलाईन थी कि 30 नबंवर को 55 वर्ष से एक दिन भी अधिक उम्र होने पर उम्मीदवार को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। इस कारण श्री रघुवंशी उम्र के पैमाने पर रेस से बाहर हो गए। इसके बाद यशोधरा खैमे ने पूर्व विधायक देवेंद्र जैन के अनुज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन के नाम को आगे किया। लेकिन उनके नाम को पार्टी ने इसलिए स्वीकार नहीं किया। क्योंकि रायशुमारी में श्री जैन का नाम नहीं था।

संगठन महासचिव सुहास भगत ने श्री जैन के नाम पर इसी आधार पर आपत्ति की और फिर राजू बाथम के लिए जिलाध्यक्ष पद का दरबाजा स्वत: खुल गया। श्री बाथम के जिलाध्यक्ष बनने पर आज अनेकों भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई दी है।

 समाजसेवी संस्था मंगलम के संचालक भी हैं राजू बाथम
भाजपा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राजू बाथम समाजसेवा से भी जुड़े हैें और वह समाजसेवी संस्था मंगलम के संचालक भी हैं। उन्हें जिलाध्यक्ष बनाने पर मंगलम सचिव राजेंद्र मजेजी सहित मंगलम के समस्त संचालकों और सदस्यों ने भी उन्हें हार्दिक बधाई दी है।
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