शिवपुरी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के गेहूं, चावल, शक्कर और केरोसिन की कालाबाजारी के मामले में न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी मनोहरलाल पाटीदार ने पोहरी की प्राथमिक सहकारी पिपरघार लीड संस्था के अध्यक्ष खैरू वर्मा और लीड प्रभारी उदय सिंह यादव काे पांच अलग-अलग धाराओं में कुल 15 साल की कैद और कुल 1.80-1.80 लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शिवपुरी जिले में अभी तक का यह सबसे बड़ा खाद्यान्न घोटाला है, जिसमें न्यायालय ने फैसला सुनाया है। लीड संस्था अध्यक्ष और लीड प्रभारी ने मिलकर 13610.36 क्विंटल गेहूं, 928.18 क्विंटल चावल, 238.99 क्विंटल शक्कर और 4547 लीटर केरोसिन को संस्था से जुड़ी उचित मूल्य की दुकानों पर न भेजकर कालाबाजारी कर खपा दिया था।
वर्ष 2011 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई। 2011 के बाजार मूल्य के अनुसार कालाबाजारी में खपाए गेहूं, चावल, शक्कर और केरोसिन की कीमत लगभग 3.50 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इसी के अनुसार दोनों अपराधियों की संपत्ति भी कुर्क की जाएगी। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक वीरेंद्र शर्मा ने की।
उप रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं जिला शिवपुरी ने 12 जनवरी 2011 को आदेश जारी कर सहकारी निरीक्षक पीके बंसल, सहकारी निरीक्षक बीके जैन और वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक ओएन शर्मा की टीम बनाकर प्राथमिक सहकारी संस्था मर्यादित पिपरघार की जांच के लिए भेजा था। टीम जब लीड संस्था के कार्यालय व गोदाम की जांच करने के लिए पहुंची तो मौके पर कोई पदाधिकारी नहीं मिला।
संस्था प्रबंधक रामसेवक शर्मा बुलाने पर भी मौके पर नहीं पहुंचे। इसके चलते संस्था के गोदाम काे सील कर दिया गया। इसके साथ ही मौके पर बनाए गए पंचनामे की कॉपी एसडीएम पोहरी को दी गई।
इसके बाद पूरे मामले की जांच की गई तब पता चला कि लीड संस्था अध्यक्ष और प्रभारी ने 10165.67 क्विंटल गेहूं, 521.73 क्विंटल चावल, 238.99 क्विंटल शक्कर, 4547 लीटर केरोसिन और शासकीय योजना के तहत मध्याह्न भोजन का गेहूं 2424.65 क्विंटल, सरकारी छात्रावासों के लिए आया गेहूं 181.80 क्विंटल, चावल 9.15 क्विंटल, आंगनबाड़ी का गेहूं 838.24 क्विंटल और चावल 397.30 क्विंटल की कालाबाजारी कर दी है। जांच के बाद पोहरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना के बाद चालान न्यायालय में पेश किया गया।
2011 के बाजार मूल्य के अनुसार कालाबाजारी में खपाए गेहूं, चावल, शक्कर व केरोसिन की कीमत लगभग 3.50 करोड़ रुपए, वसूली के लिए इसी के अनुसार कुर्क की जाएगी संस्था अध्यक्ष और प्रभारी की चल-अचल संपत्ति
आरोपियों की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर होगी नुकसान की भरपाई
न्यायालय ने जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) शिवपुरी को निर्देश दिए हैं कि राशि प्रपत्र पी 11 अनुसार कालाबाजारी में खपाए गए गेहूं, चावल, शक्कर और केरोसीन की तत्कालीन समय की बाजार कीमत के अनुसार उनकी चल-अचल संपत्ति से वसूल कर शासन के हित में समपहृत (कुर्कु) की जाए। यानी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति से शासन के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
न्यायालय ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के साथ भारतीय दंड संहिता की चार अलग-अलग धाराओं में सुनाई सजा, यह सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी।
आरोपी खैरू वर्मा (52) पुत्र धर्मजीत धाकड़ और आरोपी उदय सिंह (48) पुत्र चतुर सिंह यादव को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7(1) क(1-2) के तहत 3-3 साल के सश्रम कारावास तथा 1-1 लाख रुपए के अर्थदंड लगाया गया। साथ ही प्री.पी. 11 के अनुसार प्राप्त किए गए लाभ के बराबर आरोपियों की चल-अचल संपत्ति से शासन के पक्ष में संपत्ति कुर्क की जाएगी। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना हाेगा।
आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में दोनों आरोपियों को 3-3 साल का सश्रम कारावास व 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 467 में दोनों आरोपियों 3-3 साल का सश्रम कारावास व 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई।
धारा 468 में दोनों आरोपियों को 3-3 साल का सश्रम कारावास तथा 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई। धारा 471 में 3-3 साल का सश्रम कारावास तथा 20-20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा। सभी मामलों में अर्थदंड अदा नहीं करने पर 6-6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।