शिवपुरी। शिवपुरी शहर पर मौत बनकर मंडरा रही स्मैक से दो जाने जा चुकी हैं। शहर के युवाओ के अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी इस जानलेवा नशा स्मैक की गिरफ्त में आ चुके हैं, कुछ दिन पूर्व हुई आरक्षक मुकेश की मौत की वजह भी पीछे भी स्मैक आ रही हैं। शिवानी की दादी ने खुले तौर पर शिवानी की मौत के बाद शिवपुरी के एक आरक्षक विजय रावत का नाम लिया था। लगतार इस आरक्षक की कॉल डिटेल की जांच करने की बात शिवपुरी के समाज सेवी संस्थाए और मिडिया उठा रही थी। पुलिस ने कुछ सदिंग्ध पुलिसकर्मियो की जांच कराई और और उन्है सस्पैड कर दिया।
जैसा कि विदित हैं कि एसपी विवेक अग्रवाल के जांच प्रतिवेदन पर आईजी ने शिवपुरी के देहात थाने में पदस्थ दीवान बालाप्रसाद शर्मा, आरक्षक विजय मीणा (रावत), आरक्षक हरिकृष्ण यादव, आरक्षक संजीव शर्मा, अस्पताल चौकी के दीवान प्रमोद श्रीवास्तव और लाइन में तैनात आरक्षक आशीष शर्मा को सस्पैंड कर दिया।
IG द्वारा निलंबन का यही आशय है कि एसपी सस्पेंड करते तो इन पुलिसकर्मियों को जिले में ही रखा जाता लेकिन आईजी के स्तर से कार्रवाई होने पर इन्हें रेंज के अशोकनगर जिले में भेजा जा रहा है। वहीं जुलाई को शिवानी की हत्या के बाद उसकी दादी ने सिपाही रावत पर आरोप लगाया था, वह भी निलंबित पुलिसकर्मियों में शामिल है।
स्मैक पीते हुए देहात थाने मे पदस्थ आशीष शर्मा का विडियो पूर्व में ही वायरल हो चुका था और वह पहले से ही सस्पैंड हैं। वही बताया जा रहा हैं कि शिवानी शर्मा हत्याकांड के छह आरोपियों में से दो महिला आरोपियों से फोन पर बातचीत की कॉल डिटेल में छह पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए थे। सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर संबंधित पुलिसकर्मियों के निलंबन का प्रस्ताव आईजी को भेजा था। सोमवार को निलंबन की कार्रवाई हो गई।