शिवपुरी। उप्र के रामनगर से साल भर पहले गुम हुए भाई गुड्डू से शनिवार को अपना घर संस्था में मिलने उसका भाई मोइन अहमद सिद्दीकी शिवपुरी आया तो एक-दूसरे को देखकर दोनों की आंखों में आंसू आ गए।
खास बात यह है कि गुड्डू अब से 7 माह पहले कोलारस में विक्षिप्त अवस्था में मिले थे। जिसकी देखभाल अपना घर में की जा रही थी। और गुडडू के स्वस्थ होने पर जब वह भाई से मिला तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
अपना घर आश्रम के संयोजक गौरव ने बताया कि अब से 7 माह पहले विक्षिप्त अवस्था में गुड़डू 19 जनवरी 2019 को कोलारस में रोड़ किनारे घूमते हुए कमलेश गुप्ता, कोलारस में मिले थे। कमलेश गुप्ता ने अपना घर आश्रम को सूचित किया। जहां प्रवेशित क्रं.111 पर में गुड्डू (आश्रम के भर्ती मानसिक दिव्यांगों को यहां प्रभुजी कहा जाता है)की सेवा की गई।
लगभग 4 माह बाद मानसिक रूप से कुछ स्वस्थ होने पर उन्होंने अपना पता ग्राम रामनगर, कटेसर कलां, वाराणसी उप्र बताया। इस पर वाराणसी आश्रम को सूचना कर इसकी जानकारी दी गई और वहां के आश्रम ने उनके घर के बारे में जानकारी लेने का प्रयास पुलिस थाने से संपर्क कर किया।तो पता चला कि उनके पिता का स्वर्गवास हो चुका है।
मां अपने छोटे बेटे के गम में बदहवास अवस्था में आ गई और उसकी मां कोमा में चली गई। प्रभू जी गुडडू के भाई मोईन अहमद सिद्दीकी को सूचना मिलने पर वह शिवपुरी आए और उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों से गुड्डू उर्फ अनीस घर से चला गया। और फिर वह वापस आ गया। और पिछले 1 वर्ष से वह गायब था। और घर नहीं पहुुंचा।
प्रभुजी गुड्डू के स्वस्थ होने पर जब परिजन शिवपुरी आए तो भाई मोइन अहमद सिद्दीकी गुड्डू को देखकर फूले नहीं समाए। और उनकी आंखों से आंसू आ गए। रोते हुए वह भाई के गले से मिले। और अपने साथ अपना घर आश्रम का शुक्रिया अता करते हुए वह उप्र के लिए रवाना हो गए।