शिवपुरी। अपनी जन्मभूमि शिवपुरी का कर्ज चुकाने हेतु पीडि़त मानवता की सेवा का संकल्प लिया। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के रूप में उन्होंने शिवपुरी अस्पताल को प्रदेश के नम्बर वन अस्पताल में पहुंचाने का कार्य किया। वह कभी भी धन के पीछे नहीं भागे और उन्होंने मानवता को सर्वोपरि रखा। उक्त उदगार जिला अस्पताल से सिविल सर्जन के पद पर सेवानिवृत हुए डॉ. गोविंद सिंह के सम्मान में आयोजित समारोह में विभिन्न वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। सम्मान समारोह में मंचासीन लोगों में सीएमओ डॉ. अर्जुनलाल शर्मा, डॉ. पीके खरे, डॉ. संजय ऋषिश्वर आदि शामिल थे।
सम्मान समारोह में कांग्रेस नेता श्री प्रकाश शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि डॉ. गोविंद सिंह उनके बचपन के मित्र हैं और वह प्रारंभ से ही प्रतिभाशाली हैं। डॉक्टर बनने के बाद भी वह पैसों की दौड़ में वह कभी भी नहीं पड़े। दस साल से वह शिवपुरी अस्पताल में सिविल सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और प्रदेश में इस अस्पताल को नम्बर वन लाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अपने कार्य के प्रति वह इतने समर्पित रहते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नि और बच्चों का भी उतना ध्यान नहीं रखा जितना रखना चाहिए।
श्री शर्मा ने डॉ. गोविंद सिंह की धर्मपत्नि की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह बहुत धैर्यवान है, लेकिन श्री शर्मा ने डॉ. गोविंद सिंह से अपेक्षा की कि अब वह अपने परिवार के लिए भी अपने चिकित्सकीय दायित्व में से कुछ समय अवश्य दें। डॉ. गोविंद सिंह के बालसखा गोकुल दुबे ने कहा कि डॉ. गोविंद सिंह अगर शिवपुरी में नहीं होते तो वह देश के जाने माने सर्जन होते। डॉ. निसार अहमद ने कहा कि मैंने डॉ. गोविंद सिंह से काफी कुछ सीखा है। वह बौद्धिक रूप से जहां प्रवीण है वहीं उनकी हार्दिकता का भी कोई मुकाबला नहीं है। सिविल सर्जन डॉ. अर्जुनलाल शर्मा ने अपने उदबोधन में एक ओर जहां डॉ. गोविंद सिंह की प्रशंसा की तथा उन्होंने कहा कि मैंने डॉ. गोविंद सिंह से काफी कुछ सीखा है।
वहीं वह यह कहना भी नहीं भूले कि यदि मैं उनसे कुछ नहीं सीख पाया तो वह थी प्रशासक के रूप में निष्ठुरता तथा पैंतरेबाजी। डॉ. संजय ऋषिश्वर ने इस अवसर पर अपने पिता स्व. डॉ ऋषिश्वर को याद किया और कहा कि मेरे पिता मुझे बताते थे कि मेरे बाद डॉ. गोविंद सिंह से मार्गदर्शन लेना मत भूलना और उनकी यह बात हमेशा मैंने अपनी गांठ में बांधकर रखी। डॉ. ऋषिश्वर ने कहा कि डॉ. गोविंद सिंह के सिविल सर्जन बनने के बाद जिला अस्पताल का कायाकल्प हुआ और मेटरनिटी तथा स्वच्छता के मामले मेें जिला अस्पताल टॉप फाइव में आया। बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजय खेमरिया ने गागर में सागर भरने के अंदाज में कहा कि डॉ. गोविंद सिंह से आप सहमत हो सकते हैं, असहमत हो सकते हैं, उनसे आपके मतभेद हो सकते हैं, लेकिन आप उन्हें खारिज नहीं कर सकते। सम्मान समारोह का संचालन प्रमोद कटारे ने किया।