शिवपुरी। शिवपुरी जिले में पिछले 4 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण कोलारस क्षेत्र में बहने वाली सिंध और गुजारी नदी उफान मार रही है। मड़ीखेड़ा बांध का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है,इस कारण मडीखेडा बांध के 2 गेट ओपन करने पडे, इस वजह से पानी कुछ गांवों में तो वह पुल, पुलिया को अपने वेग में बहा कर ले गया तो कहीं स्कूल और घर तालाब बने नजर आए। गुरुवार दोपहर तक किसी भी स्थान पर प्रशासन द्वारा किसी तरह का कोई राहत या बचाव कार्य नहीं चलाया गया और न ही नुकसान का कोई आंकलन किया।
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शिवपुरी जिले की पूरी वर्षा काल की औसत वर्षा 816.3 मि.मी.है,लेकिन 1 जून से 3 जुलाई की शाम तक सरकारी आकडो में 368.89 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है,यह औसत वर्षा का 45 प्रतिशत है। सीधे शब्दों में लिखे तो अभी सावन के बदरा नही आए है उससे पहले ही जिले में आंधी वर्षा हो चुकी है। अभी तक शिवपुरी में 264.50 मि.मी., बैराड़ में 274 मि.मी., पोहरी में 402 मि.मी., नरवर में 533 मि.मी., करैरा में 433 मि.मी., पिछोर में 311 मि.मी., कोलारस में 376 मि.मी., बदरवास में 433 मि.मी. तथा खनियाधाना में 293 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
काले बादलों के रुझान में जनजीवन प्रभावित
गुंजारी नदी में उफान आने के कारण कोलारस के मोहरा गांव में मोहरा, सरजापुर से कोलारस आने वाले रास्ते पर बनी पुलिया पानी में बह गई। इस कारण कई गांवों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया। इसके अलावा मोहरा गांव के सरकारी स्कूल में घुटने से ऊपर तक पानी भरने के कारण स्कूल पूरी तरह से तलैया जैसा नजर आया। स्कूल के हालात यह थे कि पानी स्कूल के अंदर तक घुस गया। इस कारण गुरुवार को स्कूल संचालन भी नहीं हुआ।
पहाड़ा, सिंगारपुर, बछीरया, सुनाजपुर आदि गांवों को कोलारस से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर सिंगारपुर के पास बनी पुलिया पानी के तेज बहाव में बह गई। हालात यह बने कि बछि रखा गांव में एक ग्रामीण को एम्बुलेंस अस्पताल से गांव छोड़ने आना थी, लेकिन पुलिया टूटी होने के कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। इस वजह से स्वजन मरीज को कंधे पर उठाकर ले गए।
एम्बुलेंस में से कंधे पर बिठाकर गांव तक ले गए। पुलिया के टूटने के कारण अब इन गांवों के मरीजों को भैसबा गांव होकर कोलारस थाना जाना पड़ेगा, परंतु वह रास्ता पूरी तरह से खराब पड़ा हुआ है। उस रास्ते पर बनी पुलिया भी टूटी हुई है। अगर बारिश हो जाए तो इस रास्ते से भी निकलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
मडीखेडा के दो गेट ओपन
इधर मड़ीखेड़ा डैम के कैचमेंट एरिया में तेज बारिश के साथ पानी का बहाव आने से डैम प्रबंधन ने दो गेटो को गुरुवार की शाम खोल दिया है। इन गेटों से 200 घन मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है। मड़ीखेड़ा डैम का वर्तमान जलस्तर 338.9० मीटर है, जबकि डैम की अधिकतम भरने की क्षमता 346.85 मीटर है। डैम में अभी की स्थिति में 50 फीसदी से अधिक पानी है।
24 जून से हो रहा बिजली का उत्पादन
मड़ीखेड़ा डैम के पास ही बिजली संयंत्र स्थापित है। यहां पर 24 जून से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। बिजली उत्पादन के लिए हर दिन 90 क्यूमेक्स पानी दिया जा रहा है। इससे दो मशीनें बिजली बना रही है और हर दिन 40 वाट बिजली का उत्पादन कर दूसरे शहरों को वह बिजली भेजी जा रही है। मडीखेड़ा डैम प्रभारी इंजीनियर नवीन कुमार ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशनुसार बारिश को देखते हुए डैम के गेट खोले जा रहे है। इस बार जुलाई में ही गेट खोलने की स्थिति बन गई। जबकि हर बार ऐसा नहीं होता। इस बार अच्छी बारिश होना बताई गई है।