शिवपुरी। शिवपुरी में नगर पालिका में चल रही पार्षदों के विरोध और उखडती भ्रष्टाचार की परतों में एक ठेकेदार सहित नगर पालिका के 2 इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार के मामले मेे सिटी कोतवाली में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। बगीचा सरकार वाले दल वाले पार्षदों को इस एफआईआर से बल मिल गया है। मामला सडको पर डाली गई डस्ट और गिट्टी से जुडा है। जांच में पाया गया कि सडको पर डस्ट और गिट्टी डालने के कागजी घोडे दौडाए गए थे। फर्जी पेमेंट किया गया था।
सिटी कोतवाली पुलिस ने पटवारी रवि कुशवाह की फरियाद पर सिटी कोतवाली में ठेकेदार और नगर पालिका के 2 इंजीनियरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 316(5), 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(a)के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। एफआईआर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह प्रकरण वित्तीय धोखाधड़ी और गबन की श्रेणी में आता है।
शहर के वार्ड 1 से 39 तक विभिन्न जगहों पर कत्तल, मुरम डब्ल्यूएमएम कार्य व में इंजीनियरों की फर्जी पुस्तिका माप से ठेकेदारों को लाखों का भुगतान हो गया। एफआईआर से पहले ठेकेदार को नगर पालिका ने नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब तलब किया गया था। इंजीनियरों द्वारा भरी फर्जी माप पुस्तिका से नगर पालिका को 16.13 लाख रु. की क्षति आंकी गई है। मामले में जिला शिक्षा केंद्र शिवपुरी से नपा में अटैच सब इंजीनियर परिहार और एई निगम को नपा से मंगलवार को ही नोटिस पालिका शिवपुरी ने फर्म शिवम कंस्ट्रक्शन शिवपुरी के ठेकेदार अर्पित शर्मा को नोटिस जारी किया था।
नपा में अटैच सहायक यंत्री सतीश निगम और उपयंत्री जितेंद्र परिहार द्वारा भरी गई फर्जी माप पुस्तिका मामले में ठेकेदार अर्पित शर्मा से 24 घंटे में जबाव मांगा था। नोटिस जारी कर सीएमओ ने उल्लेख किया है कि तकनीकी जांच दल के तथ्यों से प्रथम दृष्टया स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा विभिन्न वार्डों में लगभग 1.83 लाख रु. के मूल्य का जीएसबी मटेरियल डाला। लगभग 7.99 लाख रु. का डब्ल्यूएमएम व डस्ट जीरा के विरुद्ध क्रमशः 5.14 लाख रु. और 18.99 लाख रु. का भुगतान संबंधित उपयंत्री व सहायक यंत्री से मिलीभगत कर कूटरचित माप पुस्तिका के आधार पर प्राप्त किया है।
ठेकेदार से कहा है कि आपने न केवल अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है, बल्कि जानबूझकर कम कार्य के विरुद्ध अधिक भुगतान राशि प्राप्त करने का षड्यंत्र किया है। उक्त धोखाधड़ी जैसे आपराधिक कृत्य के कारण नगर पालिका को लगभग 16.13 लाख रु. की वित्तीय क्षति पहुंचाई है।
पार्षदों की शिकायत के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी ने इस घोटाले की शिकायत के बाद शिवपुरी एसडीएम को जांच सौंपी थी। इस जांच में घोटाला पाया गया और मामले में एफआईआर की अनुशंसा की गई थी। आज इस मामले में सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
आइए जानते है इन धाराओं में क्या है सजा का प्रावधान
टी कोतवाली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 316(5), 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(a) के तहत मामला दर्ज किया है। इसका मतलब है कि पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, और भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
BNS धारा 318(4)
यह धारा धोखाधड़ी से संबंधित है। इसमें, किसी व्यक्ति को धोखे से या बेईमानी से इस तरह से बहकाना शामिल है जिससे वह अपनी संपत्ति, पैसे, या कीमती कागजात किसी को सौंप दे।
BNS धारा 316(5)
यह धारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित है। इसमें, किसी व्यक्ति द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके दूसरों के साथ विश्वासघात करना शामिल है.
BNS धारा 61(2)
यह धारा चोरी या संपत्ति के नुकसान से संबंधित है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(a):यह धारा लोक सेवक द्वारा भ्रष्टाचार से संबंधित है। इसमें, लोक सेवक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके निजी लाभ कमाना या किसी को लाभ पहुंचाना शामिल है।