शिवपुरी। शिवपुरी जिले में 565 स्कूल ऐसे है जिन्हें खतरो की पाठशाला लिख सकते है,इन स्कूलों की मरम्मत अत्यंत आवश्यक है। इनमे से कई स्कूल ऐसे है जिनकी छते टपकती है,बारिश में बच्चे इनके नीचे बैठ नहीं सकते इस कारण इन बच्चो की पढाई प्रभावित होती है। विभाग ने इन सभी स्कूलों की सूची बनाकर भोपाल कार्यालय को एक साल पहले भेजी थी और करीब 10 करोड़ रुपए के बजट की मांग की थी।
वरिष्ठ कार्यालय ने इन 565 स्कूलों में से महज 96 स्कूलों की मरम्मत के लिए एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत तो कर दी, लेकिन तीन माह से वह राशि भी अभी तक शिवपुरी स्थित विभाग के खाते में नहीं आई। ऐसे में किसी भी स्कूल की कोई मरम्मत नहीं की गई है।
इन स्कूलों से समझें स्थिति
शिवपुरी ब्लॉक स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय विलो खुर्द भवन की हालत पिछले 15 साल से खराब है। प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद खटीक का कहना है कि स्कूल भवन में चार कमरे है। इनमें से तीन की हालत खराब है। स्कूली में 36 बच्चे है और बच्चे व सभी स्टाफ एक कमरे में बैठता है, जबकि इन तीन जर्जर कमरों में कोई नहीं जाता। कई बार अधिकारियों को सूचित कर चुके हैं, पर कुछ नहीं हुआ।
शिवपुरी ब्लॉक का ही एकीकृत हाई स्कूल करमाज कला की स्थिति भी काफी जर्जर है। इस स्कूल में 200 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय को कुछ पैसा हर साल भवन की देखरेख के लिए आता है, लेकिन उस पैसे का उपयोग भवन की मरम्मत या रंगाई-पुताई में नहीं किया गया। आज के समय में बारिश के दौरान अधिकांश कमरों की छतों से पानी टपकता है।
रन्नौद स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय नेगमा भवन की स्थिति तो काफी दयनीय है। यहां पर तो स्कूल भवन में कोई नहीं बैठता। स्कूल में पढ़ने वाले 50 से अधिक बच्चों को स्कूल के सामने ही एक माता मंदिर परिसर में बिठाकर पढ़ाया जाता है। इस स्कूल की भी मरम्मत नहीं हो पाई।
एक भी विधायक लडा नही
अपनी विधानसभा का विकास का सपने दिखाने वाले शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा के विधायक सरकार से लड नही,सवाल जवाब तक नहीं किए कि बच्चे के भविष्य का सवाल है। मध्यप्रदेश सरकार ने 90 प्रतिशत बजट कट कर दिया। अगर विधायक मेहनत करते तो स्कूलों की मरम्मत के शायद एक करोड से अधिक बजट मिल जाता,लेकिन जिले के किसी भी विधायक को बच्चो की पढाई की चिंता नहीं है। कोई भी माननीय ने इस ओर कदम नहीं उठाया,इससे प्रतीत होता है कि हमारे शिवपुरी जिले के विधायक शिक्षा को लेकर सजग है।
इनका कहना हैं
हमने 5 सैकड़ा से अधिक स्कूलों की मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भोपाल में वरिष्ठ कार्यालय को भेजा था। वहां से कुछ माह पूर्व ही ९६ स्कूलों की मरम्मत के लिए एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। लेकिन पैसा अभी तक नहीं आया। पैसा आते ही हम स्कूलों की मरम्मत का काम करवा देंगे।
सतीश निगम, एई, शिक्षा विभाग