शिवपुरी। जिले के करैरा में जल्द ही 34 करोड़ को लागत से दे पुलों का निर्माण होने जा रहा है। सिंध नदी पर बनाने वाले पुल के कारण सूढ गांव बारिश के मौसम में टापू नहीं बनेगा, जिससे लगभग 400 लोगों को राहत मिलेगी। वहीं, धोनी हथेड़ा में बनने वाले पुल के कारण दतिया से दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। इन दोनों प्रोजेक्ट को स्थाई वित्तीय समिति के समक्ष प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भेजा जा पुस है।
समिति की एक बैठक भी हो चुकी है, और जैसे ही स्वीकृति मिलती है. पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग द्वारा आगे को प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाएगी। इन पुलों के निर्माण के लिए करैरा विधायक रमेश खटीक लंबे समय से प्रयासरत थे। इन दोनों पुलों के लिए 2025-26 के बजट में प्रावधान किया गया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने इसको ड्राइंग डिजाइन तैयार कर ली थी। अब प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू किया जाएगा।
प्रशासकीय स्वीकृति मिलते ही विभाग आगे की प्रक्रिया आरंभ करेगा। विशेष रूप से सूढ गांव के निवासियों को इससे काफी लाभ होगा, क्योंकि इस गांव के दोनों तरफा सिंध नदी बहती है। बारिश में जब नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो गहा गांव टापू में बदल जाता है। ऊंचाई पर होने के कारण यह पानी में डूबने से तो बच जाता है, लेकिन 3-4 माह का राशन स्टोर करना ग्रामीणों के लिए आसान नहीं होता है।
2021 में सब कुछ डूबा पर गांव नहीं
सूढ गांव इतनी ऊंचाई पर है कि जब 2021 में आई बाढ़ में कई गांवों में पानी भर गया था. तब भी सूढ गांव पानी में नहीं डूबा था। ऊंचाई होने के कारण गांव डूबता नहीं है, लेकिन इसका जिले से कनेक्शन कट जाता है। इस पुल के निर्माण से सूढ गांव के लोगों की कनेक्टिविटी में कोई दिक्कत नहीं होगी, और ये शहरी क्षेत्र से जुड़े रहेंगे। यह पुल लगभग 250 मीटर लंबा होगा।
करैरा के चोनी हमेड़ा इलाके में भी
21 करोड़ की लागत से पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग एक पुल का निर्माण करने वाला है। अभी थोनी हथेड़ा यानी करैरा से दतिया की दूरी 50 किलोमीटर है। इस 400 मीटर लंबे पुल के बनने के बाद दतिया से दूरी केवल 35 किमी रह जाएगी। खास बात ये है कि दोनों पुलों का निर्माण पाइल और ओपन फाउंडेशन से किया जाएगा। इसे दोनों पद्धति का उपयोग होगा।
इनका कहना हैं
करैरा में दो पूली का निर्माण होना है। दोनों प्रोजेक्ट स्थाई वित्त समिति के समक्ष प्रशासकीय स्वीकृति के लिए पहुंच चुके है। सिंध नदी पर बनने वाले पुल से सूढ गांव के निवासियों को लाभ होगा। यह गांव मानसून सीजन में भी शहरी जीवन से कटेगा नहीं। साथ ही धोनी हथेडा गाव की दतिया की दूरी 15 किमी कम हो जाएगी।
जोगेन्द्र यादव,
कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग।