SHIVPURI NEWS - नायब ​तहसीलदार ने कि बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के 10 बीघा जमीन का फौती नामांतरण

Bhopal Samachar

कौशल भार्गव करैरा। शिवपुरी जिले के करैरा तहसील के देहरटा गांव में एक जमीन के प्रकरण में एक मामले में नायब तहसीलदार ने बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के फौती नामांतरण कर दिया। इस प्रकरण में लापता जमीन मालिक को मृतक मान लिया गया और नियम विरूद्ध यह फौती नामांतरण कर दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब लापता केशव सिंह के चचेरे भाई तखत सिंह लोधी ने शिकायत की।

तखत सिंह लोधी ने बताया कि उनके चाचा देवी सिंह के पहले विवाह से एक पुत्र केशव लोधी था। देवी सिंह की पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने सरजू बाई से विवाह किया, जो अपनी पहली शादी से धनकू बाई को लेकर आई थीं। कुछ वर्षों पहले केशव लोधी लापता हो गया था और उसके बाद उसकी कोई खबर नहीं मिली।

मृत बताकर तीन लोगों को जमीन बेची
आरोप है कि इसी लापता स्थिति का फायदा उठाते हुए धनकू बाई ने 2017 में केशव को मृत बताकर उसकी 10 बीघा जमीन अपने नाम करा ली। इस प्रक्रिया में नायब तहसीलदार और पटवारी ने बिना मृत्यु प्रमाणपत्र के ही फौती नामांतरण कर रजिस्ट्री करा दी। इसके बाद 2022 में इस जमीन का नामांतरण किया गया और 2024 में करीब साढ़े चार बीघा जमीन को तीन अलग-अलग लोगों को बेच दिया गया।

जब तखत सिंह लोधी को इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने एसडीएम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने आदेश दिया कि पूरी 10 बीघा भूमि के नामांतरण को केशव सिंह लोधी के नाम किया जाए। हालांकि, पटवारी जितेन्द्र रावत ने आदेश का पालन अधूरा किया और केवल 6 बीघा जमीन का नामांतरण किया। बाकी जमीन, जो पहले बेची जा चुकी थी, उसका नामांतरण नहीं किया गया। अब तखत सिंह लोधी ने करैरा एसडीएम से लिखित शिकायत की है और मांग की है कि संबंधित पटवारी को निर्देशित किया जाए कि एसडीएम कोर्ट के आदेश का पूर्ण पालन करते हुए छोड़े गए सर्वे नंबरों पर भी केशव सिंह के नाम का इंद्राज किया जाए।

इस मामले ने जहां एक ओर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं दूसरी ओर न्याय की उम्मीद में ग्रामीणों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है