शिवपुरी। शिवपुरी जिले का ऐतिहासिक विरासत और पुरातत्व महत्व की नगरी नरवर में स्थित नरवर फोर्ट के लैंड स्लाइडिंग को रोकने के लिए 2.50 करोड़ रुपए खर्च होगें। विंध्याचल पर्वत श्रृंखला पर विराजमान नरवर के किले की तलहटी से लगातार हरियाली गायब हो रह है और मानव अतिक्रमण कर रहा है। मानसून काल में पानी से तहलही की मिट्टी बहने लगती है जिससे किले की जड़े कमजोर हो रही है। किले का क्षरण होने से मलबा तलहटी पर बसे नरवर नगर की बस्तियों में इकट्ठा हो रहा है। ऐसे में भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा।
सदियों पुराने किले के साथ नरवर नगर को बचाने के लिए वन विभाग ने संरक्षण के लिए फेंसिंग, पौधरोपण, चेक डेम व वाटर हार्वेस्टिंग पॉन्ड बनाने की कवायद की है। यहां बता दें कि नरवर किले के संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) सुदीप सिंह ने 16 मई को सीसीएफ शिवपुरी के नाम पत्र जारी कर 2.50 करोड़ की स्वीकृति दी है। उक्त राशि में से फेंसिंग का काम कराने 43.60 लाख रु. की राशि भी जारी कर दी है।
किलो को बचाने नप अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा
नगर परिषद अध्यक्ष पदमा माहेश्वरी ने 10 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र से अवगत कराया कि नरवर किले की तलहटी में सालों पहले सघन वन था जो धीरे-धीरे नष्ट हो गया। अनधिकृत लोगों ने वनभूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। वर्तमान में बारिश के चलते कटाव से बड़े-बड़े नाले बन गए हैं। बरसात के समय नरवर किले की तलहटी के नीचे रिहायशी बस्ती में भारी मलबा जमा हो जाता है। नगर में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। किले की तलहटी में कटाव के कारण लैंड स्लाईडिंग होने से गंभीर दुर्घटना व जान माल की हानि होने का भी खतरा रहता है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मामले ने में में पहल की और वन विभाग से राशि मंजूर हो गई है।
विध्यांचल पर्वत श्रृंखला पर 500 फीट पर है किला
भूस्खलन के खतरे को देखने केंद्रीय मंत्री सिंधिया के सामने समस्या रखी। वन विभाग के एसीएस अशोक बर्णवाल को सच्चाई से अवगत कराया। डीएफओ और सीसीएफ ने प्रस्ताव भेजा। अब 2.50 करोड़ रु. मंजूर हो गए हैं। जल्द काम शुरू हो सकेगा। संदीप माहेश्वरी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, भाजपा मप्र