SHIVPURI NEWS - बंगाल से लाई गई थी बामौरकलां में बंगला वाली माता की प्रतिमा, चमत्कारी है

Bhopal Samachar

अतुल जैन बामौरकलां। पिछोर विधानसभा की खनियाधाना तहसील के ग्राम बामौर कलां में नवरात्रि का उत्सव बडी ही धूमधाम से मनाया जाता है। बामौरकलां के निवासियो की बंगला वाली माता पर भक्तों की विशेष आस्था है। इस उत्सव में जगह जगह माता रानी की झांकियां लगाई जाती है लेकिन सबसे अधिक भक्तों की भीड़ बंगला वाली माता के दरबार में होती है।

मां बंगला वाली नवदुर्गा महोत्सव समिति के सदस्यों ने भक्तों के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। ग्रामवासी और नगर की धार्मिक समितियां भी इसमें सहयोग कर रही हैं।अष्टमी के दिन माता रानी को कचौड़ी का प्रसाद लगाया गया और भक्तों को कचौड़ियां वितरण की गईं।

मां बंगला वाली माता मंदिर पर हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ति होती है। मां बंगला वाली माता को बंगाल से बामौर कलां लाया गया था, इसलिए उन्हें बंगला वाली माता कहा जाता है। यहां के भक्तों की आस्था और समर्थन से यह महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न होता है। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने कहा, "मां बंगला वाली माता की कृपा से हमें यह महोत्सव सफलतापूर्वक आयोजित करने का अवसर मिलता है।

हमें उम्मीद है कि इस वर्ष भी भक्तों की मनोकामना पूर्ति होगी।" इस महोत्सव में भाग लेने वाले भक्तों ने कहा, "मां बंगला वाली माता की आस्था और समर्थन से हमें यहां आकर बहुत सुकून मिलता है। हमें उम्मीद है कि मां की कृपा से हमारी मनोकामना पूर्ति होगी।" बड़ी मानता है बामौर कलां की बंगला वाली मैया की बता दे माता को बंगाल से लाया गया था और यहां स्थापना की गई थी। नवरात्रि के पावन अवसर पर माई के दरबार में भक्तों का तांता लगा है प्रतिदिन अलग अलग प्रसाद या भोग लगाया जाता है यह क्षेत्र वासियों की मनोकामना पूर्ण होती है