SHIVPURI NEWS - स्वास्थय विभाग का कम्प्यूटर आपरेटर भेजा गया जेल, डॉक्टर ने डरकर वापस ली जमानत याचिका

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पिछोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ तत्कालीन सीबीएमओ, कंप्यूटर ऑपरेटर व बीपीएम द्वारा सांठगांठ कर आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान फर्जी खातों में करके गबन किया था। इस मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर को अंततः जेल जाना पड़ा है। वहीं फरार चल रहे चिकित्सक ने उच्च न्यायालय से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है, जबकि बीपीएम का अभी कोई सुराग नहीं लग रहा है।

डाक्टर ने वापस ली अपनी जमानत याचिका

वहीं दूसरी और उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत हासिल क करने के प्रयास में डा. जनोरिया ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, परंतु जैसे ही चिकित्सक डा जनोरिया को फजल के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा में दिए गए निर्देशों की जानकारी मिली तो न उन्होंने अपनी जमानत याचिका सुनवाई न से पहले ही वापस ले ली। ऐसे में वह ने प्रकरण में फिलहाल फरार चल रहे हैं।  इसी तरह से बीपीएम पुष्पेंद्र राय भी  मामले में अभी फरार बने हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछोर पर पदस्थ तत्कालीन सीवीएमओ डा. अमर सिंह जनोरिया, कंप्यूटर ऑपरेटर फजल अहमद खान व वीपीएम पुष्पेंद्र राय द्वारा आपस में सांठगांठ करके शासकीय राशि को संबंधित के खाते में अंतरित न कर अन्य खातों में अंतरित कर 19 लाख 37 हजार 750 रुपये का गबन किया था। उक्त प्रकरण में तीनों के खिलाफ पुलिस ने धारा 420, 409 एंव धारा 13 क 133 अधि 2 भ्रष्टाचार 1988 के तहत प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू की थी। पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही तीनों फरार चल रहे थे।

इसी क्रम में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विवेक शर्मा के न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। न्यायाधीश ने तथ्यों को सुनकर यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी कि याचिका स्वीकार योग्य नहीं है। उक्त याचिका खारिज होने के उपरांत कंप्यूटर ऑपरेटर ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका पेश की। उच्च न्यायालय ने भी जमानत याचिका पर सुनवाई उपरांत निर्णय सुनाते हुए कहा कि फजल अहम् खान पहले पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें और इसके बाद जिला न्यायालय में विधिवत जमानत के लिए याचिका दायर करें। उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में फजल अहमद ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अब वह न्यायिक अभिरक्षा में है।