SHIVPURI NEWS - स्टूडेंट परीक्षा परिणाम में मैथ्स में फैल, कॉपी रिटोटलिंग कराई तो लैपटॉप की पात्र बन गई

Bhopal Samachar

बामौरकला। शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के बामौकरलां पंचायत में निवास करने वाली  12वीं कक्षा की छात्रा के साथ माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की लापरवाही के कारण उसके गणित विषय में 60 अंक की जगह 7 अंक दिये गये थे,जिससे छात्रा बहुत परेशान थी कि ऐसा कैसे हो सकता हैं मेरे नंबर इतने कम कैसे आ सकते हैं मेरी सप्लीमेंट्री कैसे आ सकती हैं। जिसके बाद  छात्रा ने फिर से रीटोटलिंग करवाई तो वह लैपटॉप की पात्र हुई।

जानकारी के अनुसार निवासी ग्राम बामौर कलां तहसील खनियाधाना की रहने वाली सिद्धी गुप्ता पुत्री विवेक गुप्ता ने बताया कि मैं अपने 12वीं के रिजल्ट के लिए बहुत उत्सुक थी कि जल्दी मेरा रिजल्ट आये और मैं अपने नंबर जा सकूं, और जब मेरा रिजल्ट आया तो सभी सब्जेक्ट में नंबर अच्छे आये। बस मैथमेटिक्स में मेरे नंबर देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये। केवल 07 नंबर जो कि आ ही नहीं सकते थे।

क्योंकि मेरा पेपर काफी अच्छा गया था। और जब मेरे नंबरों के बारे में सबको पता चला तो वह भी सोचने पर मजबूर हो गये कि मेरे इतने कम नंबर आ ही नहीं सकते। जिसके बाद मुझे ताने मिलने शुरू हो गये, और उससे में मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित हो गई, तब जाकर मेरी स्कूल टीचर्स ने मुझे मोटिवेट करते हुए कहा कि बेटा तुम टेंशन ना लो, तुम अपनी कॉपी की रिटोटलिंग करवाओं,जिसके बाद मैंने मेम की बात मानते हुए रीटोटलिंग के बारे में सोचा और कॉफी घर आने में 15 दिनों का समय लगता हैं, लेकिन मेरी कॉफी को आने में पूरा 1 महीना लग गया यहां पर भी माध्यमिक मंडल की इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई।

जिसके बाद मेरे पास कॉपी आई और मैंने अपने नंबर जुडवाए और 07 की जगह 60 नंबर हो रहे थे। कहा जहां मेरी सप्लीमेंट्री आ रही थी वहां मेरे 60 नंबर आये। उससे मेरी 84.6 परसेंट बनी और मैं लैपटॉप पात्र बन गई, लेकिन मैंने जो स्ट्रगल वो 1 महीने किया उसका में कभी भूल नहीं सकती। जबकि मेरे 10वीं में 90 परसेंट आई थ।

मेरी माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से निवेदन हैं कि जो मेरे साथ हुआ है वह वे किसी और के साथ ना करें, क्योंकि अपनी एक लापरवाही किसी की जान का कारण भी बन सकती हैं, एक माता पिता से उनका एक बच्चा दूर भी हो सकता हैं और उसका कारण सिर्फ आप ही होंगे।

सिद्धी गुप्ता के टीचर्स विवेक कटारी ने बताया कि हमारी टीम शिक्षा व्यवस्थाओं को  मॉनिटर करती हैं, जब मुझे पता चला तो यह मेरे लिए और उसके परिवार वालों के एिल शॉकिंग न्यूज थी, क्योंकि सिद्धि काफी इंटेलिजेंट स्टूडेंट थी और जब उसके 07 नंबरों को सुनकर तो मैं भी सोचने पर मजबूर हो गया। तो एक माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की बहुत बड़ी लापरवाही थी ऐसी लापरवाही उन्हें नहीं करनी चाहिए क्योंकि अभी एक 10वीं की छात्रा के नंबर काफी कम आने पर उसने सोसाईट करने की सोची थी, लेकिन उसे तुरंत ही अस्पताल में एडमिट करवा दिया गया था जिससे वह ठीक हो गई थी।

जिसके बाद उसकी कॉपी रिटोटलिंग के लिए मंगवाई गई और उसके काफी अच्छे नंबर आये और वहां पर भी एमपी बोर्ड की लापरवाही के कारण हुआ था तो कृपा ऐसी लापरवाही ना करें, स्टाफ पर ध्यान दे जो भी कॉपियों चेक करते हैं जिससे कल को कोई और बच्ची डिप्रेशन का शिकार ना हो सकें।