SHIVPURI NEWS- ऑक्सीजन बचाने दिल्ली से थाईलैंड के लिए साइकिल से निकला युवक शिवपुरी पहुंचा, दे रहा है संदेश

Bhopal Samachar
प्रदीप मोंटू तोमर @। शिवपुरी। कोरोना काल में देश और विदेश में जितनी भी मौतें हुई थी कारण था ऑक्सीजन की कमी,हमने आर्टिफिशियल ऑक्सीजन से उन्हें बचाने के लिए संघर्ष किया था,लेकिन हम अब मानव जीवन को भंयकर संकट में डाल दिया था। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए में संदेश देने साइकिल से दिल्ली से थाईलैंड की लगभग 9 हजार किलोमीटर की यात्रा कर रहा हूं। यह कहना है शामली उत्तर प्रदेश के रहने वाले विकास कुमार का

दिल्ली से राजस्थान और गुजरात का साइकिल से भ्रमण कर मप्र की सीमा में शिवपुरी जिले शहर में पहुंचे विकास ने कहा कि में पिछली 7 अप्रैल से दिल्ली से इस यात्रा के लिए निकला हूं। में दिल्ली से राजस्थान गुजरात म प्र से यूपी में प्रवेश करते हुए गोरखपुर, नेपाल, भूटान होते हुए थाईलैंड पहुंचेंगे। यह यात्रा 9 किलोमीटर की होगी और जुलाई माह में थाईलैंड पहुंचने की उम्मीद है।

विकास ने कहा प्रतिदिन 100 किलोमीटर की यात्रा
विकास ने बताया कि वह सुबह 5 बजे से 11 बजे तक साइकिल चलाते है उसके बाद नही,उसके बाद वह स्कूलों में जाकर बच्चों से बात करते है रोड और चौराहे पर खडे होकर पर्यावरण के लिए प्रेरित करते है। विकास ने बताया कि वह 1 घंटे में लगभग 20 किलोमीटर की साइकिल चला लेते है। जैसे मानव जीवन में सांस लेना आवश्यक है ऐसे ही अगर इंसान को स्वस्थ रहना है तो वह प्रतिदिन कम से कम 1 घंटे साइकिल को चलाएं,स्वस्थ रहें और मस्त रहेंगें।

सोचो जरा आप
हम सभी को सोचना चाहिए कि पृथ्वी पर ही जीवन क्यों संभव है,इस विषय पर हमें सोचना चाहिए पूरे ब्राह्मण में जीवन संभव क्यो नही हो सका है सवाल बडा है लेकिन उसका उत्तर बडा ही आसान है पृथ्वी पर पेड़ पौधे है ऑक्सीजन है इसलिए मानव जीवन है। इंसान को जिंदा रहने के लिए सबसे पहले सांस लेने की आवश्यकता होती है,अगर सांस एक मिनट भी रुक जाए तो उसकी मौत हो जाती है। हमें हमारे जीवन में ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाना होगा और साइकिलिंग करनी होगी। इससे कोरोना जैसे महामारी से हम आसानी से निपट सकते है। यही संदेश लेकर में लोगों के पास जाता हू।

कौन है विकास
यह सवाल आप सबके मन मे होगा कि मानव जीवन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे विकास कौन है। विकास ने बताया कि वह शामली उत्तर प्रदेश के रहने वाले विकास कुमार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करते है वह बच्चों का मुफ्त में कम्प्यूटर की शिक्षा देते है और उनकी यात्रा का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता के साथ-साथ आमजन को साइकिल का अधिकाधिक उपयोग करने का संदेश देते हैं। इससे पूर्व विकास कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा जनवरी में पूरी कर चुके हैं।
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