SHIVPURI NEWS- कैसे बनेगा बालिका को वधू बनने के लिए उम्र का प्रमाणीकरण, जिले मे रेडियोलाजिस्ट की संख्या ZEROO- शर्म भरी खबर

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शिवपुरी।
शिवपुरी में चिक्त्सिा सेवा के जिला अस्पताल है,मेडिकल कॉलेज है सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर है। हजारों की संख्या में मेडिकल सेवाओं से जुड़े कर्मचारी है,सब कुछ है चमचमाती बिल्डिंग भी है। सब कुछ है हमारे पास-लेकिन नहीं है तो बस एक सरकारी रेडियोलाजिस्ट अब जिले में रेडियोलाजिस्ट नही होने के कारण किसी बालिका को वधू बनने की चिकित्सकीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता है तो उसे ग्वालियर जाना होगा है ना अब यह विकास की बात करने वाले लोगों के लिए शर्म की बात..............

shivpuri news today में आज इस गंभीर विषय पर सवाल उठा रहे है कि मई के माह में कई समाज के सम्मेलन है,सम्मेलन के तारीख भी सामने आ चुकी है और समाज के लोगो ने समाज के सम्मेलन का प्रचार प्रसार भी कर दिया है। इधर शासन ने भी क्रम उम्र की बालिकाओं को वधु बनने से रोकने के लिए भी कसर कस ली है,टीमो का गठन कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता भी जोडे जा रहे है-अधिकारियो का जिम्मेदारी भी बांट दी गई है,लेकिन यह ध्यान नहीं रहा है कि अगर कोई वर या वधु पढा लिखा नही है और उसकी उम्र संदिग्ध लगती है तो उसका प्रमाणीकरण कैसे होगा—शिवपुरी जिले की मेडिकल व्यवस्था में हमारे पास एक रेडियोलाजिस्ट नही है।

उम्र की फर्जी करण होने की आशंका

उम्र के वैधानिक प्रमाणीकरण के रूप में दसवीं की अंकसूची, जन्म प्रमाण पत्र को ही वैध दस्तावेज माना जाता हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां युवक-युवती स्कूल नहीं गए हैं या उनका जन्म अस्पताल में नहीं हुआ है। वहीं बाल विवाह करवाने के लिए उम्र के फर्जी प्रमाणीकरण बनवाए जाने की आशंका है। पूर्व के वर्षों में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पर वर-वधु के अभिभावकों ने प्राइवेट चिकित्सकों को या स्कूल के शिक्षकों को सुविधा शुल्क देकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए हैं।

हाल ही में पिछले हफ्ते पोहरी के एक गांव में ग्रामीण बाल कल्याण समिति के समक्ष एक मामला आया था जिसमें लड़की के पिता ने लाडो को बालिग बताने के लिए उसके आधार कार्ड में उसकी उम्र अपडेट करवा दी। ऐसे कई और भी प्रकरण सामने आ सकते हैं जिनमें ऐसे फर्जी आधार कार्डों के आधार पर नाबालिग को बालिग घोषित करवाया जाएगा। शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ विश्वसनीय शिक्षकों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि उनके यहां अभिभावक बच्चों की उम्र का प्रमाणीकरण बनवाने पहुंच रहे हैं।

बाल संरक्षण अधिकारी बोले-हम मेडिकल बोर्ड का प्रमाण मान्य करेंगे

राघवेंद्र शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि वैसे तो हमारी टीमें लगातार इस बात पर ध्यान दे रही है कि शादी समारोह में उम्र के प्रमाण पत्र के रूप में जन्म प्रमाण पत्र अथवा अंकसूची ही मान्य हो। अगर कुछ संदिग्ध लगता है तो फिर ऐसी स्थिति में हम मेडिकल बोर्ड का ही. प्रमाण पत्र मान्य करेंगे। जिले में व्यवस्था न हो तो किसी अन्य जिले से ही सही मेडिकल प्रमाण पत्र लाना होगा। -

यह बोले राजेंद्र पिपलौदा-ब्राह्मण समाज के संयोजक

हमारे यहां रजिस्ट्रेशन कराते समय हम वर-वधु के जन्म प्रमाण पत्र, दसवीं और बारहवीं की अंकसूची मान्य कर रहे हैं। यदि कोई उम्र का उचित प्रमाण पत्र नहीं दे पा रहा है तो उसे मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिले में यह नहीं बन सकता है तो किसी अन्य जिले से प्रमाण पत्र बनवा कर ला सकते हैं।

सही है कि रेडियोलाजिस्ट नहीं, CMHO

डा.पवन जैन सीएमएचओ ने कहा कि यह बात सही है कि हमारे यहां कोई रेडियोलाजिस्ट नहीं है। हमने मेडिकल कालेज को भी पत्र लिखा था कि उनके यहां रेडियोलाजिस्ट हो तो वह हमें उपलब्ध करवा दें, लेकिन उन्होंने भी जवाब में कहा है कि उनके यहां भी कोई रेडियोलाजिस्ट नहीं है। ऐसे में हम उम्र का चिकित्सकीय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे।
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