SHIVPURI NEWS- जेठ ने किया बहू के बलात्कार का प्रयास, विरोध किया तो गुप्तांग में लाते मारी, पुलिस ने FIR नहीं की

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शिवपुरी।
मामला फिर महिला संबंधी अपराध से जुड़े हैं पुलिस की चौखट पर महिलाओं की फरियाद फिर नहीं सुनी गई। पीड़ित महिला ने मगरौनी चौकी ने नहीं सुनी,उसके बाद थाने में 5 घंटे तक इंतजार कराया गया,लेकिन विभागीय और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त आरोपियों के खिलाफ पुलिस की कलम नही चल सकी। अब मामला एसपी ऑफिस मे आवेदन के माध्यम से पहुंच चुका है।

अभी नए पुलिस कप्तान को क्राईम मीटिंग लिए हुए चंद रोज ही गुजरे है लेकिन क्राईम मीटिंग में उनका पढाया गया पाठ थानेदारो ने इस कान से सुना और इस कान से बाहर निकाल दिया। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मगरौनी का यह मामला है कि क्यों पीड़िता को एसपी ऑफिस आना पड़ा उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

पहले मामले का समझने का प्रयास करते है

एसपी ऑफिस मे आज पीड़िता ने एसपी शिवपुरी को एक आवेदन सौंपा है आवेदन देने वाली मगरौनी में निवास करने वाले सामाजिक और प्रतिष्ठित परिवार की बहू है। इस आवेदन के माध्यम से विवाहिता ने बताया कि वह अपने पुराने घा पर 13 अप्रैल के 11 बजे समय साफ सफाई करने गई थी। जब साफ सफाई कर अपने घर का ताला लगाकर वापस जाने लगी

जेठ और उसके साथी आए पटककर कपड़े फाड़े, गुप्तांग तक में लात मारी

पीडिता ने बताया कि वह जब वह अपने घर का ताला लगाकर वापस जा रही थी तभी रिश्ते लगने वाले जेठ दिनेश शर्मा और साथी बल्ली शर्मा,जीतू शर्मा आ गए। जेठ दिनेश ने मेरे में चांटा मारा,मुझे पटक दिया और मेरे को गंदी गंदी गालिया देते हुए कपडे फाडने लगे जब मेने विरोध किया तो तीनो ने मारपीट शुरू कर दी जेठ ने मेरे गुप्तांग तक में लात मारी। मेरे पूरे शरीर में मारपीट के निशान है।

चीखने लगी तो सास भी आ गई, उसकी भी मारपीट कर दी

पीडिता ने बताया कि जब मे चीखी चिल्लाई तो मेरी सास वहां आ गई उसने मुझे बचाने की कोशिश की तो उनकी भी डंडे से मारपीट कर दी। बडी मुश्किल से मैने अपनी सास को बचाया,हम भागकर वहां से भागे

मगरौनी चौकी पुलिस ने कहा कि नरवर थाने मे दर्ज होगी FIR

पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद में परिजनों के साथ मगरौनी चौकी पहुंची तो वहां मामला दर्ज नहीं किया गया कह दिया गया कि एफआईआर थाने में दर्ज की जाऐगा। नरवर थाने पहुंचे तो वहां 5 घंटे रात साढ़े 10 बजे तक बिठाये रखा लेकिन मामला दर्ज नहीं किया। मामला सामान्य धाराओं में दर्ज कराने की बात पुलिस कर रही थी।

राजनीतिक संरक्षण है घर भी नहीं जा सकते

पीड़िता के परिजनों का कहना था कि आरोपियों को राजनीति और पुलिस का संरक्षण प्राप्त है,इसलिए मामला दर्ज नहीं किया गया है हमारा परिवार अब भयभीत है यह लोग हमारे साथ कोई भी घटना घटित करा सकते है। इसलिए हम सभी न्याय की आस में माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय के पास आए है।
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