SHIVPURI NEWS- सिंध जलावर्धन योजना को मिला टॉप अप,पाइप बदलने के लिए 65 करोड़ मंजूर,1 सदी के लिए अमृत 2 ने की अमर योजना

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शिवपुरी।
शिवपुरी के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना सिंध जलावर्धन योजना के लगातार पाईप फूट रहे थे जिससे शहर की पेयजल की सप्लाई में परेशानी आती थी। पिछले समय से इस पाइप लाइन को बदलने की मांग उठ रही थी-क्यों की शहर में सुचारू रूप से पानी नही आ रहा था,लेकिन अब इस योजना को 100 साल का टॉप अप 65 करोड़ रुपए के रूप में मिल गया है। सिंध के लिए बिछाई गई लाइन को जीआर लाइन में कन्वर्ट करने के लिए 71 करोड़ का बजट चाहिए था जो राज्य शासन ने अमृत 2 योजना के तहत 65 करोड़ रुपए के रूप में स्वीकृत कर दिया है। अब जीआर पाइप बदलने का रास्ता खुल गया है सीएमओ सगर का कहना है कि अब 100 साल तक योजना अपना काम करेंगी।

स्वीकृत बजट से 32 किलोमीटर लंबी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछेगी और 4 ओवरहेड टैंक भी बनेंगे। ट्रीटमेंट प्लांट से सतनवाड़ा तक और वहां से शिवपुरी तक लाइन बदल जाने के बाद डिस्ट्रीब्यूशन लाइन शहर में बिछाई जाएगी, फिर लोगों को नलों के जरिए पानी मिलने लगेगा। हालांकि सरकार से बजट मंजूर होने के बाद भी अभी टेंडर प्रक्रिया में करीब एक महीना लग जाएगा, इसके बाद काम शुरू हो सकेगा।

डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछ जाने के बाद दो बड़े लाभ शहरवासियों को होंगे। पहले इस लाइन से घरों में तेज पानी आएगा। दूसरा, अभी 16 टंकी हैं, 4 और बन जाने से पानी स्टोर क्षमता बढ़ाने के साथ.साथ सिलाई भी आसान होगी।

यहां बनेगी 4 नई टंकियां

कठमई: यहां नई टंकी बन जाने से आदिवासी बस्ती तक पानी पहुंच सकेगाए जिससे लंबे अरसे से परेशान लोगों की प्यास बुझ सकेगी।

दुर्गा टॉकीज के सामने: शहर के मुख्य बाजार वाला हिस्साए जहां घनी आबादी है और व्यवसायी वर्ग रहता है। यहां टंकी बन जाने से एक साथ 4 वार्ड के लोगों को राहत मिलेगी।

सुभाष पार्क के पास: शहर के 9 वार्ड को पानी सप्लाई स्टील टंकी से होती हैए लेकिन वार्ड 19ए 20ए 22 और 23 में पानी ठीक तरह से नहीं पहुंचता। यहां टंकी बन जाने से स्टील टंकी का दबाव खत्म होगा और वार्ड वासियों को घरों पर पानी मिलने लगेगा।

बीज गोदाम के पास: बीज गोदाम के पास अधिकांश जरूरतमंद लोग रहते हैंए जहां पानी की बड़ी किल्लत है। यहां टंकी बन जाने से सीधे दो वार्ड में पानी की समस्या से निजात मिलेगी।

ठंडे प्रदेशो में उपयोग वाले पाइप बिछाए गए थे

सिंध जलावर्धन योजना के पहले चरण में 56 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। इस राशि से टंकी और ट्रीटमेंट प्लांट बनने के साथ ही शिवपुरी तक डिस्ट्रीब्यूशन और मेन लाइन बिछाने का काम भी किया गया। सीएमओ केशव सिंह सगर का कहना है कि पहले चरण में जीआरपी पाइप बिछाए गए, जिन्हें ठंडे प्रदेशों में उपयोग किया जाता है या फिर इन पाइपों को डालने के दौरान रेत का उपयोग किया जाता है।

ऐसा यहां नहीं हुआ,, यही कारण है कि पाइप बार.बार खराब हो रहे हैं। अब लोहे के पाइप यानी डीआई पाइप बिछाए जाएंगे। कलेक्ट्रेट में जब खेल मंत्री यशोधरा राजे ने पूछा की पाइप बिछाने के लिए क्या अलग से लाइन बिछाई आएगी, फिर खुदाई होगी, तो सीएमओ बोले कि इसे जोड़ने के लिए अलग से लाइन नहीं बिछानी होगी। जो पाइपलाइन अभी ट्रीटमेंट प्लांट से शिवपुरी तक बिछी है, उसी के बाजू से इस लाइन को बिछाने का काम किया जाएगा, ताकि कम समय में जल्द काम पूरा हो सके।

100 साल तक संकट नहीं होगा

डीआई लाइन बिछाने की स्वीकृति मिल गई और पैसा भी स्वीकृत हो गया है। अब महीने भर में टेंडर प्रक्रिया के बाद काम शुरू करा देंगे। यह पाइपलाइन शहर की कम से कम 100 साल तक पानी की समस्या को मिटा देंगे।
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