सीवर की गंदगी का ट्रीटमेंट: 1 चरण में कीड़ा करेगा काम, बाकी 2 चरण में मशीन- सीवर प्रोजेक्ट- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी का सीवर प्रोजेक्ट जिसने शहर की पूरी सड़कें खोद थी,शहर के फेफड़े धूल के गोदाम बन गए थे। इस प्रोजेक्ट की लागत 57 करोड़ थी,लेकिन वर्तमान में इसकी लागत 120 करोड पहुंच गई है। इसके अतिरिक्त इस प्रोजेक्ट ने जो सड़क खोदी थी उन्हें पुन:बनाने के लिए इससे 2 गुना पैसा शासन का खर्च हो गया है। यह प्रोजेक्ट 2 साल में पूरा होना था लेकिन 7 साल बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नही हुआ है।

झील संरक्षण पायलट प्रोजेक्ट में शिवपुरी को शामिल करने के साथ ही चांदपाठा झील में घुल रही शहर से आने वाली सीवर की गंदगी को रोकने के लिए 57 करोड़ रुपए की लागत का सीवर प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था। जो दो साल में पूरा होना था, लेकिन 7 साल में प्रोजेक्ट तो पूरा नहीं हुआ, जबकि लागत 120 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

सीवर की गंदगी को ट्रीटमेंट करने वाला प्लांट 2021 में तैयार

शहरभर की सीवर गंदगी का ट्रीटमेंट करने वाला प्लांट 20 करोड़ रुपए की लागत से बांकड़े मंदिर के पास वर्ष 2021 में बनकर तैयार हो गया। लेकिन जिस ट्रक लाइन को इस प्लांट से जोड़ना है, उसका काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया तथा झांसी रोड पर पत्थरों की चट्टानें खोदकर उसमें लाइन डाली जा रही है। जमीन में गहराई तक डाली जा रही ट्रंक लाइन के बीच आए पत्थर को तोड़कर आगे बढ़ने में प्रोजेक्ट की गति कछुआ चाल की सी हो गई।

डेढ किलोमीटर की खुदाई अभी शेष

ट्रंक लाइन का काम अभी झांसी रोड पर ठाकुर बाबा मंदिर के पास तक पहुंच गया है। वहां से लगभग 150 मीटर तक की लाइन का काम अभी शेष रह गया है। चूंकि जब तक ट्रंक लाइन का काम पूरा नहीं होगा, तब तक ट्रीटमेंट प्लांट काम शुरू नहीं कर पाएगा। जमीन में पत्थर की चट्टान होने की वजह से काम की गति धीमी हो गई है।

ट्रंक लाइन जोड़ने के बाद होगी टेस्टिंग

झांसी रोड ट्रंक लाइन का काम पूरा होने के बाद उसे ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने के बाद शहर में डाली गई सीवर लाइन की टेस्टिंग की जाएगी। जिसमें बड़ी मशीनों से लाइन को प्रेशर से साफ करवाया जाएगा। ट्रंक लाइन ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ जाएगी, तो फिर टेस्टिंग के बाद उसे ट्रंक लाइन में जोड़ा जाएगा।

तीन चरणों में होगा ट्रीटमेंट

ट्रीटमेंट प्लांट का काम करने वाली JSC कंपनी दिल्ली के प्लांट प्रभारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि ट्रंक लाइन से आने वाली गंदगी को तीन चरणों में ट्रीटमेंट किया जाएगा। पहले चरण में बड़ी पॉलीथिन व गंदगी को साफ किया जाएगा, दूसरे चरण में मिट्टी व गंदगी जमा होगी तथा तीसरे चरण में कीड़े के माध्यम से उसे साफ कराया जाएगा। प्लांट में ट्रीटमेंट होने के बाद उसके पानी को जहां एक नाले के माध्यम से कृषि कार्य में दिया जाएगा, वहीं उससे बनने वाली खाद का उपयोग भी खेती में किया जा सकेगा।

दो महीने में बिछा देंगे लाइन

ठाकुर बाबा घाटी पर 150 मीटर में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। उम्मीद है कि 2 महीने में सीवर लाइन बिछा दी जाएगी। उसके बाद सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की टेस्टिंग करके से चालू कराया जाएगा।-
एलएन सिंह, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग शिवपुरी
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