रोजगार मेला में रुचि नहीं दिखा रहे शिवपुरी के युवा, मात्र 42 युवा सिलेक्ट- Shivpuri News

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शिवपुरी।
स्थानीय कंपनियों में रोजगार हासिल करने का युवाओं में रुझान नहीं है। जिसके चलते बुधवार को जिला रोजगार कार्यालय में आयोजित हुए रोजगार मेले के दौरान चुनिंदा छात्रों ने अपना पंजीयन कराया और महज 42 युवा ही ऐसे निकले जिन्होंने मनमाफिक रोजगार ना मिलने तक इन कंपनियों में काम करने अपना रुझान दिखाया।

दरअसल जिला रोजगार कार्यालय द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। इस रोजगार मेले में स्थानीय कंपनियां 3 सैकड़ा से अधिक युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रस्ताव लेकर आई थी। लेकिन उसमें युवाओं की रुचि ना होने से महज 42 युवा ही अपनी सहमति इन रोजगार को हासिल करने के लिए दे पाए।

जिसके चलते 42 युवाओं को रोजगार देने की बात जिला रोजगार अधिकारी स्वप्निल श्रीवास्तव ने कही। जिला रोजगार कार्यालय द्वारा आयोजित किए गए रोजगार मेले के दौरान 42 युवाओं ने ही अपनी रुचि विभिन्न कंपनियों में काम करने के लिए दिखाई। जिसके तहत युवाओं ने साक्षात्कार के बाद मिली स्वीकृति के बाद तय मान लिया कि वह अब इन कंपनियों में रोजगार हासिल कर पाएंगे। लेकिन इस संबंध में अभी उन्हें सिर्फ स्वीकृति मिली है उन्हें ऑफर लेटर नहीं मिले हैं। ऑफर लेटर मिलने के बाद ही यह तय हो सकेगा इन 42 युवाओं में से कितने युवा स्थानीय स्तर पर लगाए गए इस रोजगार मेले के माध्यम से जॉब हासिल करने के पात्र होंगे।

कितनों को मिला रोजगार का अवसर

1.आई एफ एफ डी, शिवपुरी -10
2. इंडसइंड बैंक -4
3. ईगल सिक्योरिटी -19
4. आयशर अकादमी -3
5. एसबीआई इंश्योरेंस -6

कंपनियां मनमाफिक काम न मिलने पर युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं, वह फिर बेरोजगार हो जाते हैं कम सैलरी.स्थानीय कंपनियां युवाओं को रोजगार देने के नाम पर उनसे 12 से 14 घंटे काम कराती हैं। और बदले में 4 से 6000 तक देती है। ऐसे में युवाओं का घर खर्च महंगाई के इस दौर में नहीं चल पाता। कम वेतन पाने के चलते वह इन नौकरियों को कुछ समय बाद छोड़ देते हैं।

रोजगार में स्थायित्व न होना

स्थानीय स्तर की कंपनियां में युवाओं को स्थायित्व नहीं मिलता। कंपनियां मनमाफिक काम ना मिलने पर युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं। इन कंपनियों से कोई समय सीमा का अनुबंध भी नहीं होता। इस वजह से स्थानीय स्तर की रोजगार कंपनियों से स्थाई रोजगार ना मिल पाना अरुचि की एक अहम वजह है।
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जॉब सिक्योरिटी का न होना

जब कंपनियां युवाओं से साक्षात्कार लेती हैं तो उनकी पूरी कुंडली खंगाल कर उन्हें जॉब देती हैं। लेकिन कंपनी के ऑफर लेटर पर यह तक लिखा नहीं होता कि उन्हें कितने महीने में कितने समय के लिए काम करना है। ऐसे में कंपनी के अधिकारी जब चाहे इन युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। यही वजह है कि जॉब का स्थायित्व ना होना भी युवाओं में अरुचि का कारण है।
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