बांधवगढ़ व कान्हा नेशनल पार्क के बाघ दहाडेंगें माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में: APCCF ने किया 2 दिन का दौरा- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। बाघ विहीन हो चुके शिवपुरी का नेशनल पार्क में अब बांधवगढ़ व कान्हा नेशनल पार्क से बाघ लाए जाऐंगें। बाघ पुनर्वास प्रक्रिया के तहत‎ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ‎ ‎ (वन्य प्राणी) भोपाल ने माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में दो दिन रहकर यहां की भौगोलिक स्थिति‎ का जायजा लिया। फ्री रेंज के‎ लिए लाए जाने वाले टाइगर को ‎पहले बाड़ों में रखा जाएगा। इसके ‎ ‎ लिए वन्य प्राणी APCCF ‎नेशनल पार्क की पूर्व और मध्य‎ रेंज में तीन-चार जगह देखने‎ पहुंचे।

साइट विजिट के बाद एक जगह चिह्नित कर ली हैं जहां बाड़े ‎ ‎ बनाए जाएंगे। माधव नेशनल‎ पार्क में फ्री रेंज के लिए बाघ‎ बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल‎ पार्क से लाए जाएंगे।‎ वन्य एपीसीसीएफ शुभरंजन‎ सेन ने माधव नेशनल पार्क‎ शिवपुरी में 1 और 2 जून को‎ भ्रमण किया। फ्री रेंज के लिए बाघ‎ लाने और टाइगर सफारी की‎ तैयारियों के संबंध में जानकारी‎ ली। सबसे पहले फ्री रेंज के लिए‎ आने वाले बाघों को बाड़ों में रखा‎ ‎जाना है।

यह बाड़े कहां बनाए‎ जाएंगे, पार्क अधिकारियों ने 3 से‎ 4 स्थानों पर ले जाकर दिखाया।‎ गुरुवार को भोपाल रवाना होने से‎ बलारपुर क्षेत्र साइट से संबंधित‎ रेंज में वन्य प्राणियों की गिनती‎ करके जानकारी मांगी है। एक‎ सप्ताह बाद पूरी जानकारी के साथ‎ रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी। यह‎ रिपोर्ट भारत सरकार को भेजेंगे‎ और फिर बाड़े बनाने के साथ बाघ‎ लाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।‎

तीन बाडे:एक में नर तो दूसरे में मादा तीसरे में शाकाहारी जानवर

माधव नेशनल पार्क में फ्री रेंज के लिए बाघ अलग—अलग नेशनल पार्क से लाए जाएंगे। एक जगह से नर बाघ तो दूसरी जगह से मादा बाघ लाई जाएगी। दोनों को दो अलग अलग बाडे में रखा जाएगा। ताकि एक दूसरे से पहचान हो सके। तीसरा अलग बाडा रहेगा जहां शाकाहारी जानवरों को रखा जाएगा,जिससे बाघ इनका आसानी से शिकार कर सके। माहौल में ढलने के बाद टाईगर को पार्क में खुला छोड दिया जाऐगा

कैटल मावेशी के आलावा पार्क में अन्य वन्य प्राणी 35 हजार

पार्क ग्रामीण वह शहरी क्षेत्र से लगे होने की वजह से कैटल मवेशी की संख्या काफी है। बाघ के लिए कैटल आसान शिकार रहेगा। इसके पार्क में 35 हजार अन्य वन्य प्राणी है मौजूद हैं।बाघ को फिर से बसाने के लिए माधव नेशनल पार्क पूरी तरह से व्यवस्थित हैं। पार्क में बाघों के रहने के लिए 5 से लेकर 10 हेक्टेयर में बनाए जाऐगें। नई जगह आने पर बाघ इन बाड़ों में रहकर आसानी से माहौल में अपने आप के ढाल सके। पार्क प्रबंधन उपलब्ध बजट से बाडे तैयार करने के लिए कार्य कराएगा। बाडे बनने के बाद नेशनल पार्क में दूसरे नेशनल पार्क से बाघ लाए जाएंगें।

टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारियां भी जारी

टाइगर सफारी प्रोजेक्ट के लिए स्थल चयन का खुलासा पार्क प्रबंधन द्वारा नही किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि स्थान परिवर्तन करके रिपोर्ट भेजी जा रही है। हरी झंडी मिलते ही बजट जारी हो जाएगा और टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। हालांकि फ्री रेंज के लिए बाघ पहले ही जाएंगे।

इस साल अंत तक आ जाएंगे टाइगर

वन्य प्राणी एपीसीसीएफ ने दो दिन पार्क में अलग अलग साइट विजिट की हैं। पूर्व व मध्य रेंज में सक एक साइट बलारपुर सिलेक्ट की है। रेज में कितने जानवर है इसकी रिर्पोट भेजेंगें। इसके बाद बड़े बनाए जाएंगें। जहां कुछ समय के लिए टाइगर रखे जाऐगें। साल 2022 के अंत तक शिवपुरी नेशनल पार्क में टाइगर आ जाएगें।
CS निनामा,डायरेक्टर-माधव नेशनल पार्क शिवपुरी
G-W2F7VGPV5M