दान कर स्वर्ग जाने का दिन है षटतिला एकादशी, यह है पूजा करने की विधि और मुहूर्त- Shivpuri News

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शिवपुरी।
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है और भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं।

और जो जितना तिल दान करता है, उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान पाता है. भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है. वर्तमान समय के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि इस वर्ष षटतिला एकादशी कब है, पूजा का मुहूर्त, तिथि, पारण समय क्या है।

षटतिला एकादशी 2022 तिथि एवं मुहूर्त

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 28 जनवरी दिन शुक्रवार को 02 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि का समापन उसी रात 23 बजकर 35 मिनट पर होगा. ऐसे में षटतिला एकादशी का व्रत 28 जनवरी को रखा जाएगा.

षटतिला एकादशी के दिन पूजा का सुबह में कर सकते हैं. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 05 मिनट तक है।

षटतिला एकादशी 2022 पारण

जो लोग षटतिला एकादशी का व्रत रखेंगे, वे पारण 29 जनवरी दिन शनिवार को प्रात: 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट के बीच पारण कर सकते हैं. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन रात 08 बजकर 37 मिनट पर होगा।

षटतिला एकादशी के दिन पानी में तिल डालक स्नान करते हैं. उसके बाद षटतिला एकादशी व्रत एवं भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प करते हैं. भगवान विष्णु को पूजा में फूल, फल, अक्षत्, तिल के लड्डू, पंचामृत, तुलसी का पत्ता आदि अर्पित करते हैं. पूजा के समय षटतिला एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करते हैं और अंत में भगवान विष्णु की आरती करते हैं।
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