सचिन झा करैरा। देश में गांवो को मुख्य विकास धारा में जोडने के लिए देश के पीएम ने आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी। इसके लिए सांसद को अपनी संसदीय क्षेत्र में पांच गाव गोद लेकर आदर्श बनाना था। इस कारण ही आदर्श ग्राम पंचायत का नाम अस्सितव में आया था। ऐसे ही एक आदर्श ग्राम पंचायत में पीएम आवास का टोटा हैं। एक आदिवासी के पास रहने को आवास नही हैं इस कारण वह पशुओ की पानी पीने वाली टंकी में रहने का मजबूर हैं।
जानकारी के अनुसार करैरा जनपर की आदर्श ग्राम पंचायत सिरसौद के रहने वाले अरविंद आदिवासी ने बताया कि कई सालों से वह अपनी पत्नी बबीता,बेटी मोहिनी 3 साल, बेटा राज 2 वर्ष और छह माह के राज आदिवासी के संग पशुओ के पानी पीने वाली हौदी में रह रहा हैं।मजदूरी में उतने पैसे नहीं मिलते, जिससे कच्चा पक्का घर बना सकें।
इसलिए शादी होने के बाद हौदी में ही डेरा डाल लिया। लकड़ियां बिछाकर ऊपर से तिरपाल डाल ली। चाहे सर्दी,गर्मी हो और बरसात,पूरे साल इसी में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं । हालांकि अरविंद ने बताया कि पंचायत सचिव ने पंद्रह दिन पहले बुलाकर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने की बात कही थी,लेकिन अभी तक कोई किश्त नहीं मिली हैं।
अरविंद ने बताया कि उसके पिता खेमराज और मां आनंद आदिवासी सेहराने में रहते हैं। उनकी साढ़े सात बीघा जमीन है,जिसमें से चार बीघा सिरसौद में ही प्रकाश के यहां 60 हजार रुपए में गिरवी रख दी हैं। रकम में से बड़े भाई राजेश आदिवासी ने कच्चा मकान बना लिया हैं। छोटे भाई अफसर आदिवासी लकड़ियों की झोंपड़ी बनाकर रहता है ।
उनमें रहने के लिए राजी नहीं हो रहा आदिवासी परिवार आदिवासी परिवार हाट बाजार के पास हौदी में जानबूझकर रह रहा है । कब्जे को लेकर पटवारी थाने में लिखित शिकायत कर चुका हैं। हम भी चाहते हैं कि आदिवासी परिवार सेटलमेंट आवास में जाकर रहे।
रविंद्र सिंह राजपूत,सचिव,ग्राम पंचायत सिरसौद