पानी में बह गया था BJP का विकास: नही हुआ पुल का निर्माण बनेगा चुनावी मुददा,नागरिक परेशान

Bhopal Samachar
पोहरी। 2 साल पूर्व भाजपा का विकास पानी में वह गया था,पूरी दम और पूरे जोश से भाजपा ने 7 करोड की लागत से बना पुल जो ग्राम इंदुरखी छर्च और खरवाया को जोडने के लिए कूनो पर बनाया था,वह अपनी पहली वर्षगांठ भी नही बना सका था और पहली की बारिश में वह गया था,लेकिन अभी तक इस पुल का पुन:निर्माण शुरू नही हो सका। इस कारण ग्रामीण परेशान हो गर है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने किया था उदघाटन, तीन माह बाद ही ढह गया था पुल

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र और शिवपुरी की पोहरी विस अंतर्गत आने आने वाले इलाके में लोगों की मांग पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने कूनों नदी पर इस पुल की स्वीकृति दिलाई थी। करीब 7 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण भी किया गया। केंद्रीय मंत्री तोमर ने 29 मई 2018 को इसका लोकार्पण भी किया, लेकिन तीन माह बाद ही तेज आई बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा पानी में ढह गया, तब मामला प्रदेश भर में गूंजा था।

कार्रवाई के नाम पर किया अधिकारियों को निलंबित
पुल की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल भी उठे, जिसके बाद पुल के ढहने के बाद अधिकारियों पर गाज भी गिराई गई। इंजीनियर लेवल तक के अधिकारियों को निलंबित भी किया गया, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण शुरू नहीं कराया गया। नतीजे में ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। दो साल बाद भी इसका निर्माण नहीं हो सका है। इसके चलते ग्रामीणों को कई किमी का फेर खाकर जाना पड़ता है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। दो साल से ग्रामीण ढहे पुल के हिस्से को बनाने की मांग कर रहे हैं।

तत्कालीन विधायक ने अधिकारियों से लेकर विधानसभा में भी उठाया था मुद्दा
पुल की गुणवत्ता को लेकर तत्कालीन विधायक प्रहलाद भारती ने अपनी ही भाजपा की सरकार रहते अधिकारियों से लेकर विधानसभा तक में प्रश्न लगाया था कि ग्राम इंदुरखी पर बन रहा पुल निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसकी गुणवत्ता खराब है, नतीजे में पुल कभी भी ढह सकता है, लेकिन उस समय उनकी बात पर कोई गौर नहीं किया गया। इसके नतीजे में उद्घाटन के तीन माह बाद ही पुल ढह गया।

इंदुरखी और खरवाया के ग्रामीणों को राजस्थान से आना पड़ता हैं पोहरी
ग्राम इंदुरखी और खरवाया के ग्रामीणों के सामने आवागमन की समस्या हो गई है। उनका कहना है कि उन्हें राजस्थान के देवरी होते हुए शिवपुरी आना पड़ता है, उसके बाद वह शिवपुरी से पोहरी आते हैं। उनका कहना है कि कई बार तहसील और एसडीएम कार्यालय आने के लिए उन्हें पहले देवरी राजस्थान जाना पड़ता है। उसके बाद शिवपुरी और उसके बाद पोहरी आना पड़ता है।

4 माह के लिए बंद हो जाता है आवागमन
बारिश के दिनों में 4 माह पूरी तरह से कूनो नदी के रास्ते पर आवागमन बंद हो जाता है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी प्रसव के समय और बुजुर्गों की तबीयत खराब होने पर होती है, क्योंकि उन्हें शिवपुरी लाने के लिए पहले राजस्थान के देवरी जाना पड़ता है। उसके बाद शिवपुरी आना पड़ता है, तब कहीं जाकर इलाज होता है। जो पैसे वाले हैं वह राजस्थान में ही इलाज करा लेते हैं, लेकिन गरीब लोगों को परेशानी होती है।

राजस्थान के डिगडौली से आते हैं, पोहरी का रास्ता ऊबड़ खाबड़
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पोहरी आने के लिए राजस्थान के डिगडौली से होकर आना पड़ता है। यहां पक्का रास्ता न होने के चलते ग्रामीणों को ऊबड़ खाबड़ रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। यहां कच्चा रास्ता है, जिससे होकर पोहरी आते हैं। कई बार इसी रास्ते से जाते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में यह रास्ता भी पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिससे परेशानी होती है।

यह बोले ग्रामीण
राजस्थान के देवरी होते हुए पहले शिवपुरी आते हैं। उसके बाद पोहरी आते हैं। दो साल से पुल के निर्माण की गुहार जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों से लगा ली, लेकिन अब तक ढहे पुल का निर्माण नहीं हो सका है।
लक्ष्मण बाथम ग्रामीण इंदुरखी

सबसे ज्यादा परेशानी बीमार होने या प्रसव के समय होती है, जब प्रसूताओं को निजी साधन से पहले राजस्थान के देवरी लाते हैं। उसके बाद शिवपुरी या पोहरी लाते हैं।
हल्के, ग्रामीण खरवाया।

यह बोले अधिकारी
यह बात सही है कि उक्त पुल का निर्माण किया जाना है। हमने प्रस्ताव बनाकर भेजा। जिसकी तकनीकि स्वीकृति मिल गई है। प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार है, जैसे ही मिलेगी, 4 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से उक्त पुल का निर्माण करेंगे।
एसएल शर्मा, लोनिवि ब्रिज कॉर्पोरेशन शिवपुरी।
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