जिले में कोरोना का फिर ब्लास्ट आज 10 नए पॉजिटिव, शहर में 7 दिन का लॉकडाउन / SHIVPURI NEWS

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शिवपुरी। पिछले तीन दिन से शहर में कोरोना का ब्लास्ट जारी है। आज फिर कोरोना को लेकर दुखद खबर आ रही है। आज शहर को एक साथ फिर 10 कोरोना पॉजीटिव मिले है। इनमें कुछ पॉजीटिव ट्रेवल हिस्ट्री बाले है तो कुछ लोगों की कोई भी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। जिसके चलते अब ज्यादा एतिहात बरतने की आवश्यकता है।

लागातर जिले में बड़े कोरोना पॉजिटिव केस को देखते हुए जिले की व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन द्वारा क्राइसिस मैनेजमेंट समूह की बैठक आयोजित की गई और इस सप्ताह के लिए बाजार खोलने, आवश्यक सेवाएं आदि उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में समूह के सदस्यों द्वारा एक सप्ताह का लॉकडाउन रखने का सुझाव भी दिया गया। जिसमें दूध, फल, सब्जी, एवं पेट्रोल की दुकानें खुली रहेंगी। इतना ही नहीं मंदिर, मस्जिद तक पूरी तरह बंद रहेंगी।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच.पी.वर्मा, अपर कलेक्टर आर.एस.बालोदिया, एसडीएम अरविंद बाजपेई, एसडीओपी शिव सिंह भदौरिया सहित क्राइसिस मैनेजमेंट समूह के सदस्य उपस्थित थे। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में व्यापारी संघ, इलेक्ट्रिकल्स, होटल, सब्जी मंडी, पेट्रोल पंप संचालक सहित विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु उपस्थित थे।

कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने कहा है कि दो-तीन दिनों में जिले में लगातार पॉजिटिव केस आ रहे हैं इसलिए सतर्क होने और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें समाज के सभी प्रबुद्धजन भी अपनी भूमिका का निर्वहन करें और लोगों को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा है कि सभी सोशल डिस्टेंस का पालन करें और मास्क अवश्य लगाएं। अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले।

जिला अस्पताल पहुंचकर स्वेच्छा से दिए लोगों ने सैम्पल

जिले में बीते रोज जैसे ही 20 कोरोना पॅाजीटिव मरीजों की संख्या में जानकारी लगते ही लोगों में ऐसी जागरूकता फैली की आज जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमण के सैम्पिल देने के लिए लम्बी-लम्बी कतार सुबह से ही लगना शुरू हो गई थी। लेकिन जिला अस्पातल प्रबंधन द्वारा इन व्यक्तियों के अस्पताल प्रबंधन द्वारा पर्चे बनबाकर उनकी स्क्रीनिंग करने के लिए लाईन में खड़ा कर दिया, लेकिन घंटों तक नागरिक लाईन में लगे रहे लेकिन उनकी स्क्रीनिंग नहीं हो सकी।

तत्पश्चात कई मरीजों को चिकित्सक द्वारा परीक्षण करने के बाद उनकी सेम्पल लेने के लिए पर्चे पर लिखा गया लेकिन कर्मचारियों द्वारा बाद कह दिया गया कि अब सेम्पल लेना बंद कर दिए गए हैं। इससे कई मरीजों को उदास होकर वापस लौटना पड़ा। इससे यह सिद्ध होता हैं कि स्वास्थ्य विभाग कितना कोरोना के प्रति सचेत हैं।