रेत कारोबारी के आगे शरणम गच्छामि प्रशासन: यह रहा प्रमाण! / kolaras News

Bhopal Samachar
एक्सरे @ ललित मुदगल / शिवपुरी। जिले में रेत कारोबारी कितने ताकतवर हैं इसका सीधा उदाहरण कोलारस के सिंध नदी से देखने को मिल रहा हैं। पानी भरे होने के करण सिंध से रेत नही खीच पा रहे थे इस कारण पानी का बहा दिया गया,लेकिन प्रशासन की हिम्मत भी नही हुई की पानी कैसे बर्बाद हो गया। खुले आम ग्राउंड जीरो से कवरेज दिखाया जा रहा हैं फिर भी सिंध से रेत निकालना बंद नही हो रहा है।

इतने ताकतवर की सिंध के स्टॉप डेम के गेट खोले

जल संरक्षण के लिए कोलारस क्षेत्र में सिंध नदी पर बने पांच स्टाॅप डेम के गेट 10-11 जून को खोलकर सारा पानी बहा दिया हैं यह गेट इस कारण खोले की रेत के काले कारोबारी रेत का काला कारोबार नही कर पा रहे थे। लेकिन प्रशासन ने यह भी सुध नही ली की पानी किसने छोड और क्यो छोडा हजारो लीटर पानी बर्बाद हो गया। इस मामले में जांच कर एफआईआर होनी चाहिए। इतना बडा काण्ड हो गया लेकिन रेत माफिया के डर या फैके हुई रिश्वत के कारण प्रशासन के कान तक खडे नही हुए।

10 जून से पहले लबालब थी नदी, 13 को दिखी तलहटी

पचावली के पास सिंध नदी 10 जून से पहले लबालब भरी थी। आगे बने स्टॉपडेम का पानी बहाते ही तलहटी दिखाई देने लगी। नदी में रेत का भंडार देख रेत माफिया ने जेसीबी उतारकर खनन शुरू करा दिया। नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की रेली लगाकर अवैध उत्खनन शुरू करा दिया है।

मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विधायक वीरेंद्र रघुवंशी की पहल पर बने स्टॉप डैम

रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसे ही नदी पार करने ऊपर चढ़ते हैं तो नजारा खतरों से भरा दिखाई देता है। ट्रॉली में रेत भरी होने से ट्रैक्टर आगे से उठ जाता है। ऐसे में दो मजदूरों को आगे बिठा रहे हैं, फिर भी ट्रैक्टर आगे से खड़ा हो रहा है। यदि ट्रैक्टर पलटता है तो मजदूरों की जान भी जा सकती है।

लेकिन रेत माफिया को मजदूरों की जान की कोई चिंता नहीं है। बता दें कि मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विधायक वीरेंद्र रघुवंशी की पहल पर सिंध नदी पर पांच स्टॉप डैम बने थे। स्टॉप डैम बनने से इस साल पहली बार नदी लबालब भरी नजर आई।

खनिज विभाग इतना खाने में डूबा कि विधायक को जानकारी नही दे रहा

कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का कहना है कि रेत खनन को बंद कराने के लिए वह खुद पुलिस अधीक्षक से मिलने गए। जिला खनिज अधिकारी को पत्र जारी कर जवाब मांगा। इसके बाद भी खनिज अधिकारी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। अब इस मामले को देखकर लगता हैं मप्र में शासन किसका हैं भाजपा का या माफियाओ का।

बताया जा रहा हैं कि जिले के रेत के काले कारोबारी के तार दिल्ली तक जुडें हुए हैं इस कारण शिवपुरी प्रशासन की मजबूरी हिल भी नही सकता। दिखने दिखाने को कार्यवाही होती हैं,अगर प्रशासन कार्यवाही करता तो ट्रेक्टर तो क्या एक तसला रेत सिंध से नही खीच सकते हैं। लेकिन प्रशासन सत्ता के दम के कारण बेबस और लाचार हैं और बेवस और लाचार नही होता तो सिंध के गेट खोलने वाले पर अभी तक मामला दर्ज हो जाता। यह सक्षात प्रमाण ओर प्रशासन का रेत कारोबारी के आगे शरणम गच्छामि होने का।  

हालांकि सूचना मिली है कि जिले में सिर्फ कल्याणपुर रेत खदान की अनुमति मिली है। इसके बाद भी कोलारस विस में स्टॉपडेम का पानी बहाकर रेत खनन कराया जा रहा है।

रसीद कट्‌टों की जगह ईटीपी व्यवस्था लागू की

जिले की रेत खदानों के टेंडर हुए हैं। रायल्टी रसीद कट्‌टों की जगह इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास (ईटीपी) व्यवस्था लागू की गई है। अब देखना पड़ेगा कि कोलारस क्षेत्र में ईटीपी शुरू हो गईं हैं या नहीं। विधायक को भी जानकारी दे रहे हैं।
प्रमोद शर्मा, जिला खनिज अधिकारी शिवपुरी