शिवपुरी। जीवन तो क्षणिक भर है लेकिन यह मानव जीवन किस प्रकार से प्रेरणा लेकर मोक्ष प्राप्त करेगा इसके लिए आवश्यक है श्रीमद् भागवत कथा का ज्ञान और यह ज्ञान मिलेगा कथा के विभिन्न प्रसंगों की कथाओं से जिसमें भगवान को प्राप्त करने का एक साधन भक्ति भी है और भक्त की भक्ति से ही भगवान प्रसन्न होकर ना केवल उसके दु:खों को हरते है बल्कि उसे मोक्ष प्रदान कर वह मानव को उसके दायित्व का भी आभास कराते है।
पूर्व समय में भक्त प्रहलाद, हिरण्यकश्यप जैसे भक्त रहे जिन्होंने अपनी भक्ति से भगवान के दर्शन कर जीवन को धन्य किया, आज का मनुष्य भी ईश्वर को प्राप्त करनेे के लिए सच्चे मन से ईश्वर का ध्यान करें और उसी की आराधना करें तब निश्चित रूप से आज का मनुष्य भी भगवान के दर्शन कर सकेगा। मानव जीवन को यह धर्मोपदेश दिए आचार्य।
जुगलकिशोर जी महाराज (श्रीधाम वृन्दावन)ने जो स्थानीय बामौरकलां में जिला पंचायत सदस्य रामसिंह यादव दादा बंदला परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत के शुभारंभ अवसर पर कलश यात्रा समापन के उपरांत आयोजित आर्शीवचनों को प्रदान कर मानवहित कल्याण कर रहे थे। इस दौरान कथा प्रारंभ से पूर्व मुख्य यजमान रामसिंह यादव पुत्र बालेन्द्र सिंह यादव बालेन्दु, देवेन्द्र यादव कल्लू दाऊ सहित परिजन जहारसिंह यादव, बादाम सिंह, तिरलोक सिंह यादव, रावराजा यादव व जगदीश यादव द्वारा कथा पूजन कराया गया तत्पश्चात श्रीमद्. भागवत कथा का वाचन हुआ। कथा में आज चतुर्थ दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाएगा।